चेन्नई सुपर किंग्स ने आखिरकार जीत का सूखा खत्म कर लिया। बैंगलोर से हुए मैच में चेन्नई को जीत तो मिली लेकिन इस जीत के पीछ महेंद्र सिंह धोनी का एक बड़ा योगदान रहा। लगातार 4 मैच हारने के बाद परेशान हो चुके जड़ेजा ने धोनी को फील्ड में सजावट करने की खुली छूट दी।
यह अच्छी बात रही की बल्लेबाजों ने चेन्नई को 218 रनों के स्कोर तक पहुंचा दिया और माही को फील्ड में अपना कमाल दिखाने का पूरा मौका मिला। ज्यादातर खिलाड़ियों को धोनी ने जाल बिछाकर आउट किया।
विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान फाफ डू प्लेसिस आठ रन बनाकर आउट हुए। विराट कोहली मात्र एक रन बनाकर मुकेश चौधरी की गेंद पर शिवम् दुबे के हाथों लपके गए। ग्लेन मैक्सवेल 11 गेंदों में दो चौकों और दो छक्कों के सहारे २६ रन बनाकर जडेजा की गेंद पर बोल्ड हुए। महीश थीक्षना ने डू प्लेसिस को आउट करने के बाद अनुज रावत (12) को भी पवेलियन भेजा।
कप्तान और पूर्व कप्तान को माही ने फंसाया जाल में
इन में से दो विकेट खासकर विराट कोहली के विकेट का श्रेय धोनी की कप्तानी को जाता है। विराट कोहली शुरुआत में लेग साइड में हवाई शॉट खेलकर खुद के ऊपर से दबाव मिटाते हैं। यह बात महेंद्र सिंह धोनी को भलिभांति पता थी इस कारण उन्होंने दुबे को लेग साइड में लगाया और वही हुआ। कोहली सिर्फ 2 गेंदो में 1 रन बनाकर आउट हो गए।
इससे पहले फाफ डु प्लेसिस को भी उन्होंने ऐसे ही जाल में फंसाया। पॉवरप्ले में ही उन्होंने तीक्ष्णा से गेंदबाजी करवाई और लॉन ऑन पर खिलाड़ी तैनात रहा। विशालकाय स्कोर के कारण फाफ को हमला करना ही था और मिस टाइम शॉट को उस खिलाड़ी ने लपक लिया।
शाहबाज़ अहमद में 27 गेंदों में 41 रन और सुयश प्रभुदेसाई ने 18 गेंदों में 34 रन बनाये। महीश थीक्षना ने फिर शाहबाज और प्रभुदेसाई के विकेट भी निकाले। महीश थीक्षना ने चार ओवर में 33 रन देकर चार विकेट लिए। चेन्नई के कप्तान जडेजा ने 39 रन देकर तीन विकेट लिए।
विकेटकीपर दिनेश कार्तिक विकेट पर टिककर अपने शॉट खेलने में लगे हुए थे और बेंगलुरु को 18 गेंदों पर 48 रन की जरूरत रह गयी। ड्वेन ब्रावो ने 18 वें ओवर में कार्तिक को बॉउंड्री पर जडेजा के हाथों कैच करा दिया। कार्तिक ने 14 गेंदों पर 34 रन में दो चौके और तीन छक्के लगाए। कार्तिक की पारी ने बेंगलुरु की हार का अंतर कम किया। बेंगलुरु का 20 ओवर में स्कोर नौ विकेट पर 193 रन रहा।
इससे पहले चेन्नई ने टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करते हुए थोड़ी धीमी और खराब शुरुआत की। टीम ने सात ओवर के अंदर रुतुराज गायकवाड़ और मोईन अली के रूप में दो बड़े विकेट गंवा दिए, लेकिन इनफॉर्म बल्लेबाज राॅबिन उथप्पा ने इन दो विकेटों से बेंगलुरु को उन पर दबाव नहीं बनाने दिया और एक छोर से ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी जारी रखी।
इस बीच क्रीज पर आए शिवम दुबे ने भी उथप्पा को बखूबी साथ दिया। उन्होंने भी रनों की रफ्तार को थमने नहीं दिया। दोनों तरफ से विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी होने से बेंगलुरु के गेंदबाज दबाव में आ गए और कई गलतियां कीं। इसका फायदा उठाते हुए उथप्पा और दुबे ने कई बेहतरीन शॉट लगाए। दोनों बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए 165 रन की बड़ी साझेदारी की। 17वें ओवर की आखिरी गेंद पर सेट बल्लेबाज उथप्पा कैच आउट हो गए, लेकिन दबाव की वजह से सिराज की यह गेंद नो बॉल हो गई। उथप्पा हालांकि 201 के स्कोर पर आउट हो गए। उनके बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान रवींद्र जडेजा भी पहली गेंद पर आउट हो गए।
उथप्पा और दुबे ने आखिरी 13 ओवरों में लगभग साढ़े 13 के रन रेट के साथ 179 रन जोड़े। दुबे पांच चौकों और आठ छक्कों के दम पर 46 गेंदों पर 95 रन बना कर आउट हो गए और अपने शतक से चूक गए। वहीं उथप्पा ने चार चौकों और नौ छक्कों की मदद से 50 गेंदों पर 88 रन बनाए, जिसकी बदौलत चेन्नई ने 20 ओवर में 216 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
बेंगलुरु की ओर से सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए। वानिंदु हसरंगा ने जहां तीन ओवर में 35 रन खर्च कर दो विकेट लिए, वहीं जोश हेजलवुड और चार ओवर में 33 रन देकर एक विकेट निकाला।
चेन्नई ने टूर्नामेंट के 22वें मैच में 20 ओवर में चार विकेट पर 216 रन का विशाल स्कोर बनाया और बेंगलुरु के चैलेंज को नौ विकेट पर 193 रन पर थाम लिया। उथप्पा और दुबे ने आखिरी 13 ओवरों में लगभग साढ़े 13 के रन रेट के साथ 179 रन जोड़े। दोनों ने 80 गेंदों में 165 रन की साझेदारी की। दुबे पांच चौकों और आठ छक्कों के दम पर 46 गेंदों पर 95 रन बना कर आखिरी गेंद पर आउट हुए और अपने शतक से चूक गए। वहीं उथप्पा ने चार चौकों और नौ छक्कों की मदद से 50 गेंदों पर 88 रन बनाए।