एक आकर्षक एवं लुभावने मिश्रण का नाम है दिल्ली कैपिटल (Delhi Capitals)। तरुणाई और अनुभव का ऐसा तालमेल जो लक्ष्य दे भी सकता है और हासिल भी कर सकता है। चतुर व्यापारी की तरह 'कमरन पूंजी में भरपूर लाभ कमाने' में उस्ताद है।
बेहद जानलेवा आगाज किया जोफ्रा आर्चर ने। मैच की पहली ही गेंद लगभग 150 किलोमीटर की रफ्तार से पृथ्वी शॉ के स्टंप ले उड़ी। आर्चर को अनुभवी अजिंक्य राहणे भी समझ नहीं पाए तथा अपना विकेट दे बैठे। आक्रमण पर त्यागी और बेन स्टोक्स के आते ही स्कोरबोर्ड रफ्तार पकड़ने लगा और पावर प्ले में 2 विकेट खोने के बावजूद 47 तक पहुंच गया।
यहां से कप्तान श्रेयस अय्यर और शिखर धवन ने मोर्चा संभाल लिया। श्रेयस चतुर कप्तान है, वे स्ट्राइक रोटेट कर धवन को मौका देते रहे। जहां धवन का स्ट्राइक रेट 185 का था वहीं उनका केवल 85 का। 3 चौके तथा 2 छक्कों के साथ 50 बनाने के बाद वे तीसरे शिकार के रूप में त्यागी के हत्थे चढ़ गए।
दूसरी तरफ धवन खराब शॉट खेलकर श्रेयस गोपाल का शिकार बने लेकिन तब तक वे 6 चौके तथा 2 छक्कों के साथ अपने 50 रन पूरे कर चुके थे। आर्चर ने खतरनाक स्टोइनिस को वापस भेजकर राजस्थान को राहत प्रदान की, इसके बावजूद दिल्ली राम राम करते हुए 161 तक पहुंच गई। आ र्चर ने 3 विकेट के साथ 2 उम्दा कैच लपककर अपनी प्रतिभा को उजागर किया।
दिल्ली के विपरीत राजस्थान के बेन स्टोक्स ने पर्पल कैप धारी रबाडा का पहली गेंद पर स्वागत चौके से किया। पदार्पण कर रहे तुषार देशपांडे के पहले ही ओवर में 11 रन आए और फिर बटलर ने एनरिच की 148 किलोमीटर रफ्तार की पहली गेंद छक्के के लिए उछाल दी। 150 से ज्यादा की रफ्तार की गेंद पर बटलर ने चौथा जड़ा और अगली 156.22 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डाली गेंद को सीमा पार भेजा। यह आईपीएल इतिहास की सबसे तेज गेंद दर्ज हुई। फिर आई 155.21 की रफ्तार की गेंद ने बटलर के संक्षिप्त रौद्र रूप को शांत कर गई।
दूसरे छोर से स्टोक्स ने उम्दा प्रहार किए और छह चौकों के साथ 34 गेंदों में 42 रनों की पारी खेल कर तुषार को पहली सफलता दे गए। अश्विन ने कप्तान स्मिथ को जहमत उठाने ही नहीं दी जबकि संजू सैमसन 102 मीटर का छक्का उड़ाने के बाद 18 गेंदों में 25 रन बनाकर अक्षर पटेल का शिकार बन गए।
रॉबिन उथप्पा (32) जब तक विकेट पर थे राजस्थान को जीत की राह नजर आ रही थी। अचानक रेयान पराग उनके गलत कॉल से रन आउट हो गए। छक्का मास्टर तेवतिया का आसान कैच एनरिच ने सीमा रेखा पर छोड़ दिया। उस समय ऐसा लग रहा था कि कैची नहीं मैच भी हाथों से फिसल गया। 3 ओवर में 29 एवं 2 ओवर में 25 रनों की जरूरत थी। यहां रबाडा ने मात्र 2 रन और अगले ओवर में एनरिच ने 4 रन देकर उथप्पा को डगआउट में भेज दिया।
अंतिम ओवर में पदार्पण नरेश तुषार देशपांडे ने श्रेयस गोपाल का विकेट लेकर दिल्ली को 13 रन से विजय दिलाई। तेवतिया का प्रहार जो छक्के के लिए जा रहा था रहणे ने जिस अंदाज में छलांग लगाकर मैदान के अंदर ही रोक लिया, वह उम्दा क्षेत्ररक्षण का उत्कृष्ट नमूना था। वाकई इस मैच को दिल्ली ने राजस्थान के हलक से ही निकाल लिया। यह मेहनतकश विजय दूसरी टीमों के लिए चेतावनी हैं।