तीव्र अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक हलफनामा देकर कहा है कि अगर सुरक्षा परिषद लश्कर ए तोयबा के मूल संगठन जमात उद दावा को आतंकवादी संगठन घोषित कर दे तो वह उसे गैरकानूनी करार दे देगा।
संदेह किया जा रहा है कि मुंबई में पिछले माह आतंकवादी हमले लश्कर-ए-तोएबा ने किए थे। इस्लामाबाद ने विश्व निकाय को यह भी आश्वासन दिया है कि वह अपने यहाँ लश्कर ए तोएबा या इस तरह के किसी भी संगठन के प्रशिक्षण शिविरों की अनुमति नहीं देगा।
भारत ने सुरक्षा परिषद को जमात उद दावा और उसके कर्ताधर्ताओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक औपचारिक अनुरोध भेजा था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल्ला हुसैन हारून ने सुरक्षा परिषद को यह हलफनामा दिया।
आतंकवाद पर सुरक्षा परिषद में हो रही बहस में हारून ने कहा कि अगर परिषद जमात उद दावा पर प्रतिबंध लगा दे तो इस संगठन की संपत्ति फ्रीज करने के लिए कदम उठाए जाएँगे।
सुरक्षा परिषद में हो रही यह बहस मुंबई में 26 नवंबर को हुए आतंकवादी हमलों पर केंद्रित थी। हारून ने कहा कि पाकिस्तानी प्रशासन अपनी ओर से इन आरोपों की जाँच शुरू कर चुका है कि मुंबई हमलों में उसके नागरिकों का हाथ था।