सैन फ्रांसिस्को। कई मुस्लिम बहुल देशों से यात्रियों के आने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाई गई पाबंदी से छूट मिलने के बाद यमन में रहने वाली एक महिला मौत के करीब जा रहे अपने नवजात बच्चे से मिलने अमेरिका पहुंची है।
शाइमा स्वीले बुधवार की रात सैन फ्रांसिस्को हवाई अड्डे के आगमन टर्मिनल पर पहुंची। हवाई अड्डे के बाहर उनके समर्थकों का एक समूह उनके स्वागत में हाथों में तख्तियां लिए खड़ा था।
शाइमा का दो साल का बेटा अब्दुल्ला हसन अपने पिता की तरह अमेरिकी नागरिक है। वह दुर्लभ आनुवांशिक मस्तिष्क विकार से ग्रस्त है और वह कैलीफोर्निया के ऑकलैंड के एक अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर है।
लेकिन शाइमा यमन सहित छह देशों के यात्रियों के आने पर पाबंदी के ट्रंप के आदेश के कारण अपने बेटे के पास नहीं आ पाई थी।
बच्चे के पिता द्वारा टीवी पर गुहार लगाने से पैदा हुए जन आक्रोश के बाद, काहिरा स्थित अमेरिकी दूतावास ने शाइमा को वीजा जारी किया था। शाइमा अस्थायी रूप से मिस्र में ही रह रही है।
ट्रंप द्वारा लगाई गई पाबंदी से छूट मिलने के बाद शाइमा के पति अली हसन ने राहत व्यक्त की। उसने कहा कि पिछले सप्ताह डॉक्टरों ने कहा कि उनके बच्चे के बचने की संभावना नहीं के बराबर है। यह सुन कर वह उसे जीवन रक्षक प्रणाली से हटाने के लिए तैयार हो गए थे।
परिवार की मदद कर रही काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स ने शाइमा को बच्चे से मिलाने के लिए एक अभियान भी चलाया। (भाषा)