याह्या सिनवार की मौत से क्या खत्म हो जाएगा इसराइल-हमास संघर्ष?

संदीपसिंह सिसोदिया
Death of Hamas leader Yahya Sinwar: इसराइल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में हाल ही में एक बड़ा मोड़ तब आया जब इसराइल की सेना ने हमास के वरिष्ठ नेता याह्या सिनवार को मार गिराया। सिनवार को हमास के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता था और उसे इसराइल पर 7 अक्टूबर, 2023 के हमास हमले का मास्टरमाइंड कहा जाता है। इस हमले में करीब 1,200 इसराइली नागरिक मारे गए और 251 लोगों का अपहरण कर लिया गया था।
 
याह्या सिनवार ने हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ेदीन अल-क़साम ब्रिगेड और राजनीतिक ब्यूरो के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य किया। उसकी सैन्य रणनीति और ईरान से करीबी संबंधों ने हमास को इसराइल के खिलाफ मजबूती से खड़ा किया और गाजा में संगठन की पकड़ को मजबूत किया।
 
याह्या सिनवार: हमास का शक्तिशाली नेता: याह्या सिनवार ने हमास के सियासी नेतृत्व को संभालने के पहले से ही हमास की हथियारबंद शाखा, इज़्ज़ेदीन अल-क़साम ब्रिगेड और इसके सियासी ब्यूरो के बीच एक सेतु का काम किया। उसकी सैन्य रणनीतियों और ईरान से करीबी संबंधों ने हमास को न केवल इसराइल के खिलाफ खड़ा रहने की ताकत दी, बल्कि गाजा में उसकी पकड़ को मजबूत किया। 
 
सिनवार ने हमास की सैन्य शक्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें ईरान की आर्थिक और सैन्य सहायता प्रमुख थी। ईरान, हिजबुल्ल्लाह और हमास को रॉकेट, मिसाइलें और अन्य हथियार प्रदान करता रहा है, जिसका इस्तेमाल हमास ने बार-बार इसराइल पर हमले करने के लिए किया है।
 
क्या सिनवार की मौत से खत्म होगा इसराइल-हमास युद्ध?
याह्या सिनवार की हत्या से यह सवाल उठता है कि क्या इससे इसराइल-हमास संघर्ष का अंत हो सकता है। कई विश्लेषकों का मानना है कि सिनवार की मौत हमास के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह संगठन के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक था। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि युद्ध का अंत हो जाएगा।
 
हमास एक संगठन के रूप में केवल अपने नेताओं पर निर्भर नहीं है; यह वैचारिक और सैन्य रूप से काफी मजबूत है। हमास के पास कई अन्य नेता हैं जो सिनवार की जगह ले सकते हैं और संगठन के संघर्ष को जारी रख सकते हैं।
 
हमास की भविष्य की रणनीति: क्या बदल जाएगा संगठन का रुख?
 याह्या सिनवार की मौत के बाद हमास की रणनीति में बदलाव की संभावना पर चर्चा हो रही है। अब तक हमास का रुख इसराइल के खिलाफ सख्त रहा है, और युद्धविराम या शांति वार्ता की संभावनाएं कमजोर दिखी हैं। लेकिन कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सिनवार की मौत के बाद, हमास पर शांति वार्ता या युद्धविराम की दिशा में जाने का दबाव बढ़ सकता है।
 
हाल ही में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि गाजा में युद्धविराम समझौता लगभग 90% तक तैयार हो चुका है। सिनवार की मौत इस समझौते को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
 
इसराइल की रणनीति: क्या सैन्य अभियान रुकेगा?
याह्या सिनवार की मौत इसराइल के लिए एक बड़ी जीत है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसराइल अब अपने हमले रोक देगा। इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि जो हमारे नागरिकों के खिलाफ नरसंहार का मास्टरमाइंड था, उसे खत्म कर दिया गया है, लेकिन हमारा काम अभी समाप्त नहीं हुआ है। इससे संकेत मिलता है कि इसराइल का उद्देश्य केवल हमास के नेताओं को मारना नहीं है, बल्कि उसकी पूरी सैन्य संरचना को नष्ट करना है।
 
इसराइल का सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक हमास की ताकत को पूरी तरह से खत्म नहीं कर दिया जाता। सिनवार की मौत से इसराइल को एक मनोवैज्ञानिक जीत जरूर मिली है, लेकिन हमास की बाकी सैन्य शक्ति अभी भी इसराइल के लिए खतरा बनी हुई है।
 
क्षेत्रीय प्रभाव: ईरान की भूमिका और आगे का रास्ता
ईरान, हमास का सबसे बड़ा समर्थक रहा है, और याह्या सिनवार के ईरान से मजबूत संबंध थे। ईरान, हमास को वित्तीय सहायता, हथियार और ट्रेनिंग प्रदान करता रहा है। सिनवार की मौत के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ईरान की भूमिका क्या रहती है। क्या वह हमास की मदद के लिए और सक्रिय होगा, या वह इसराइल के खिलाफ अन्य मोर्चों पर संघर्ष बढ़ाएगा?

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