वाशिंगटन। अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग कर गोलाबारी का अभ्यास किया। अमेरिकी सेना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह अभ्यास उत्तर कोरिया द्वारा एक अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किए जाने पर प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य प्रमुखों ने उत्तर कोरिया के परीक्षण के बाद 'सैन्य प्रतिक्रिया विकल्प' विचार विमर्श किया। इसके कुछ ही देर बाद दोनों देशों की सेनाओं का संयुक्त अभ्यास आज सुबह किया गया।
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एक बयान में सेना ने बताया कि इस अभ्यास में सतह से सतह पर मार करने वाली 'आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम' (एटीएसीएमएस) का तथा दक्षिण कोरिया की 'ह्यूनमू मिसाइल द्वितीय' का उपयोग किया गया। सेना के अनुसार, प्रणालियों ने मिसाइलों को पूर्वी तट से लगे दक्षिण कोरिया के भूभागीय जलक्षेत्र में निशाना बनाया।
बयान में कहा गया है, 'एटीएसीएमएस को तैनात कर गहरी मारक क्षमता मुहैया कराई जा सकती है ताकि आरओके-यूएस गठबंधन किसी भी मौसम में महत्वपूर्ण लक्ष्यों को समय पर निशाना बना सके।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने चार जुलाई को उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम का पहला परीक्षण किए जाने के बाद इसी तरह का अभ्यास किया था।
शुक्रवार को आईसीबीएम के परीक्षण के तत्काल बाद जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल जोए डनफोर्ड और अमेरिकी सेना की पैसेफिक कमान के प्रमुख एडमिरल हैरी हैरिस ने दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल ली सुन जिन से बात की थी। इस बातचीत के दौरान तीनों सैन्य अधिकारियों ने सैन्य प्रतिक्रिया विकल्पों पर भी चर्चा की थी। (भाषा)