लंदन। उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय अधिकारियों के दो प्रत्यर्पण आग्रहों को हाल के सप्ताह में खारिज कर दिया है। अदालत के इस फैसले से भारत को बड़ा झटका लगा है।
लंदन की वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के न्यायाधीशों ने सट्टेबाज संजीव कुमार चावला के पक्ष में 16 अक्टूबर को फैसला सुनाया तथा अदालत ने ब्रिटिश भारतीय दंपति जतिंदर और आशा रानी अनगुराला के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को भी खारिज कर दिया।
यह फैसला विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर सुनवाई से कुछ सप्ताह पहले आया है। माल्या भारत में कई बैंकों की कुल 9,000 करोड़ रुपए की राशि वाले ऋण नहीं चुकाने के मामले में वांछित हैं। वहीं इस मामले में 20 नवंबर को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि चार दिसंबर से शुरू हो रहे प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई किस प्रकार होगी।
जिला न्यायाधीश रेबेका क्रेन ने क्रिकेट मैच फिक्सिंग मामले में मुख्य आरोपी चावला के खिलाफ मुकदमों को दिल्ली के तिहाड़ जेल की खराब स्थिति को देखते हुए मानवाधिकार का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। प्रत्यर्पण के बाद चावला को इसी जेल में रखा जाना था। साल 2000 में हुए इस मैच फिक्सिंग में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हेंसी क्रोंज भी आरोपी थे।
भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर हुए थे और नवंबर 1993 से यह प्रभावी हो गई थी। इस साल की शुरुआत में राज्यसभा में सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक माल्या के अलावा ब्रिटेन की अदालतों में पांच भारतीयों के प्रत्यर्पण के मामले लंबित हैं। (भाषा)