व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिकी इंटेलिजेंस अफसरों का मानना है कि कुछ लोगों का रूसी इंटेलिजेंस के साथ ताल्लुक है और उनका मकसद मोल्दोवा की सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों का इस्तेमाल मौजूदा Pro-Western सरकार को गिराने में करना चाहते हैं।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी (John Kirby) ने कहा कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार रूस से जुड़े लोग मोल्दोवा में प्रदर्शनकारियों को ट्रेनिंग और विद्रोह फैलाने में मदद कर सकते हैं। किर्बी का कहना है कि मोल्दोवा यूरोप से जुड़ रहा है ऐसे में रूस मोल्दोवियन सरकार को कमजोर कर 'रशियन फ्रेंडली' प्रशासन को ताकत में लाना चाहता है।
मोल्दोवा और उसके पड़ोसी देश यूक्रेन को एक ही दिन यूरोपियन यूनियन का केंडिडेट चुना गया था। मोल्दोवा की राजधानी, चिशिनाउ में पिछले कुछ हफ्तों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिले हैं। इन प्रदर्शनों को 'Movement for the People' नामक समूह के द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
इन्हें मोल्दोवा की 'रशियन फ्रेंडली' शोर पार्टी (Shor Party) के सदस्यों द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। शोर पार्टी के नेता Ilan Shor मोल्दोवा के अमीर उद्योगपति हैं, जिनका राजनीति में काफी प्रभाव है। शोर को रूस के झुकाव में काम करने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित लोगों की सूची में शामिल किया गया है।
ऐतिहासिक तौर पर सोवियत यूनियन का भाग रह चुके मोल्दोवा ने अपने स्वतंत्रता की घोषणा सन् 1991 में की थी। मोल्दोवा को यूरोप के सबसे गरीब देशों में से एक माना जाता है। मोल्दोवा यूरोप के 27 देशों से जुड़ना चाहता है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आर्थिक, एनर्जी और मानवीय संकटों से जूझ रहे मोल्दोवा को 265 मिलियन डॉलर्स की मदद कर चुका है अमेरिका।