Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

देशद्रोह मामले में परवेज मुशर्रफ को राहत, विशेष अदालत का गठन असंवैधानिक करार

हमें फॉलो करें देशद्रोह मामले में परवेज मुशर्रफ को राहत, विशेष अदालत का गठन असंवैधानिक करार
, सोमवार, 13 जनवरी 2020 (22:23 IST)
लाहौर। लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाली और उन्हें मौत की सजा सुनाने वाली विशेष अदालत के गठन को सोमवार को असंवैधानिक करार दिया। इससे उन्हें राहत मिली है। मीडिया में ऐसी खबरें हैं।

इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी। 6 साल तक उनके खिलाफ देशद्रोह के हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई चली थी। यह मामला 2013 में तत्कालीन पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने दायर किया था।

डॉन अखबार की खबर के अनुसार, लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ विशेष अदालत के गठन को असंवैधानिक करार दिया। न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी, न्यायमूर्ति मोहम्मद अमीर भट्टी और न्यायमूर्ति चौधरी मसूद जहांगीर की पीठ का सोमवार का यह फैसला मुशर्रफ की याचिका पर आया है। मुशर्रफ ने उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी।

अपनी याचिका में मुशर्रफ ने लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को अवैध, क्षेत्राधिकार से बाहर और असंवैधानिक करार देते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी। उन्होंने उनकी इस याचिका पर फैसला आने तक विशेष अदालत के निर्णय को निलंबित रखने की भी मांग की है।

जियो टीवी की खबर है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने यह भी व्यवस्था दी कि मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया। अतिरिक्त अटार्नी जनरल इश्तियाक अहमद खान ने अदालत से कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार की संघीय कैबिनेट बैठकों के एजेंडे का हिस्सा नहीं था।

खान ने अदालत में कहा, विशेष अदालत मंत्रिमंडल की औपचारिक मंजूरी के बगैर ही गठित कर दी गई। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों में दम नहीं है, क्योंकि कार्यकारी की आपात शक्तियों के तहत मौलिक अधिकार निलंबित किए जा सकते हैं।

मुशर्रफ ने पाकिस्तान में 1999 से लेकर 2008 तक शासन किया था और अब वे स्वनिर्वासन में दुबई में रहते हैं। पीएमएल एन सरकार ने नवंबर, 2007 में संविधानेत्तर आपातकाल लगाने को लेकर पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दायर किया था। इस आपातकाल के चलते ऊपरी अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में कैद कर लिया गया था और 100 से अधिक न्यायाधीश बर्खास्त कर दिए गए थे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार