लाहौर। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने एक गांव की पंचायत के आदेश पर एक किशोरी से सजा के तौर पर उसके परिवार के सामने बलात्कार के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। पुलिस ने हालांकि घटना में 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में राजपुर गांव में गत 18 जुलाई को पंचायत के आदेश पर एक व्यक्ति ने 16 वर्षीय किशोरी से उसके ही परिवार के सामने बलात्कार किया। लड़की के भाई पर आरोपी व्यक्ति की बहन से बलात्कार का आरोप था। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश निसार ने पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक को एक रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
इस बीच पुलिस ने ग्राम पंचायत प्रमुख सहित 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पंचायत में चार महिलाओं सहित 20 सदस्य थे। पंचायत ने अशफाक को आदेश दिया था कि वह अपनी बहन से बलात्कार का बदला लेने के लिए आरोपी की बहन से बलात्कार करे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने राजपुर गांव का दौरा किया और दोनों पीड़ितों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
उन्होंने मुजफ्फराबाद पुलिस थाने के सभी पुलिस अधिकारियों को घटना में उनकी ‘आपराधिक भूमिका’के लिए बर्खास्त कर दिया। शाहबाज ने कहा कि यदि पुलिस ने पहली पीड़िता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली होती और दोषी को गिरफ्तार कर लिया होता तो दूसरी लड़की से पंचायत के आदेश पर यह ज्यादती नहीं हुई होती। इस मामले में पुलिस की भूमिका आपराधिक है।
उन्होंने मामले की तीन दिन के भीतर जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम का भी गठन किया जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार ग्राम पंचायत ने उमर वदा की बहन से बलात्कार का आदेश दिया था जो कि अपने क्षेत्र के निवासी अशफाक की किशोरी बहन से बलात्कार का आरोपी है। (भाषा)