पोलैंड की राजधानी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दशकों तक भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाकर रखने की रही थी। हालांकि आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है।
उन्होंने मोदी-मोदी के नारों के बीच कहा कि भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है - यह युद्ध का युग नहीं है। यह उन चुनौतियों के खिलाफ एक साथ आने का समय है जो मानवता को खतरे में डालती हैं। इसलिए, भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।
मोदी ने कहा कि आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है। आज का भारत सभी के विकास की बात करता है। आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है। अगर किसी देश पर संकट आता है तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। दुनिया में कहीं भी भूकंप या कोई आपदा आती है तो भारत का एक ही मंत्र है - मानवता सबसे पहले।
उनकी यह टिप्पणी कीव की यात्रा से पहले आई है। वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यह पहली यात्रा होगी। वे ट्रेन से 10 घंटे का सफर कर यूक्रेन पहुंचेंगे। वे करीब 7 घंटे युद्धग्रस्त देश में रहेंगे। मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है। मोदी की मॉस्को यात्रा की अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन के नेता के साथ, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार साझा करेंगे।
Edited by : Nrapendra Gupta