संयुक्त राष्ट्र। भारत ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले बच्चों के बारे में गलत बातें पेश करने पर पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान युवाओं में हिंसक कट्टरपंथी विचारधाराएं पैदा कर उन्हें उकसाता है और उन्हें आतंकी समूहों में भर्ती करता है।
'बाल अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण' पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के सत्र को गुरुवार को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने फर्जी कहानी पेश कर और हमारे देश के आंतरिक मामलों का अवांछित उल्लेख कर समिति का ध्यान भटकाने की कोशिश की है।
त्रिपाठी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की निवर्तमान राजदूत मलीहा लोधी द्वारा समिति में की गई टिप्पणी का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाया था और अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद राज्य में बच्चों की स्थिति के बारे में जिक्र किया था।
लोधी ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त की रिपोर्ट का भी जिक्र किया था। पाकिस्तान पर हमला करते हुए, त्रिपाठी ने कहा, यह एक ऐसा देश है, जहां बच्चों को हिंसक उग्रवादी विचारधारा से दीक्षित किया जाता है और आतंकवादी समूहों में उनकी भर्ती की जाती है।
त्रिपाठी ने कहा, उन बच्चों से न सिर्फ उनका भविष्य छीना जाता है, बल्कि सीमा पर के बच्चों का भविष्य भी खतरे में डाला जाता है। उन्होंने पूछा, यह मासूम बच्चों की स्वतंत्रता का हनन और उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, तो और क्या है?