इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ पनामा पेपर्स मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
जस्टिस एजाज अफजल, जस्टिस शेख अजमत सईद और जस्टिस एजाजुल एहसान की तीन सदस्यीय पीठ ने पांच दिन तक इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने शुक्रवार को सुबह साढे नौ बजे मामले की सुनवाई शुरू की और प्रधानमंत्री के पुत्रों और पुत्री की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील सलमान अकरम राजा और वित्तमंत्री इशाक दार के वकील तारिक हसन को अपना पक्ष रखने को कहा। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के वकील ने भी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े दस्तावेजों को मीडिया के सामने जारी किए जाने को लेकर कल नाजराजगी जताते हुए कहा कि न्यायालय में पेश किए जाने से पहले यह दस्तावेज मीडिया के समक्ष कैसे आए। जस्टिस एजाज अफजल ने कहा, आपने अपना मामला मीडिया के समक्ष उठाया तो आपको दलील भी उसके सामने ही देनी चाहिए। मीडिया के मंच हमेशा खुले हैं।
इस पर सलमान अकरम राजा ने न्यायालय से कहा कि उन्हें दस्तावेजों के लीक होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने ये दस्तावेज मीडिया को नहीं सौंपे हैं। इसके बावजूद शीर्ष अदालत ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा कि ये दस्तावेज कानूनी टीम द्वारा जारी किए गए।
गौरतलब है कि पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले में शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के नाम का खुलासा होने के बाद से ही पाकिस्तान में विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद से शरीफ को हटाए जाने की मांग हो रही है। मामले की जांच के लिए छह मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था। तय समय सीमा के भीतर जेआईटी ने 10 जुलाई, को यह रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। (वार्ता)