इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए आज उस वक्त संकट की स्थिति पैदा हो गई जब सेना ने सूचना लीक मामले में तारिक फातमी को बर्खास्त करने के उनके कदम को खारिज कर दिया और एक समिति की ओर से की गई अनुशंसाओं के पूरी तरह से क्रियान्वयन की मांग की।
फातमी को हटाने की ‘अधिसूचना’ को लेकर टकराव स्थिति पैदा होने के बाद शरीफ सरकार ने तत्काल हालात संभालने की कोशिश शुरू कर दी और घोषणा की कि जांच की सिफारिश के क्रियान्वयन के लिए ‘असली अधिसूचना’ अभी जारी की जानी है।
मतभेद उस वक्त पैदा हुए जब सेना ने आज प्रधानमंत्री शरीफ के अपने विश्वसनीय सहयोगी तारिक फातमी को बख्रास्त करने के फैसले को ‘खारिज कर दिया’ और कहा कि उनकी कार्रवाई ‘अधूरी’ है।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया, ‘‘डॉन लीक मामले में जारी अधिसूचना अधूरी है और यह जांच बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार नहीं है। अधिसूचना को खारिज किया जाता है।’’ संकट से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज अपने विश्वासपात्र सहयोगी तारिक फातमी को उनके पद से हटा दिया।
इसके कुछ मिनटों बाद गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने सेना की जल्दबाजी वाली प्रतिक्रिया की परोक्ष आलोचना करते हुए कहा कि ट्विटर पर प्रतिक्रियाएं देश के लिए बहुत खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि महत्व के बहुत सारे मुद्दे हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनसे ट्वीट के जरिए निपटा जा रहा है। सरकारी संस्थाएं एक दूसरे से ट्वीट के जरिए संवाद नहीं करती हैं। खान ने कहा कि अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
इससे पहले एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक के दौरान पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच टकराव के बारे में मीडिया में सूचना लीक होने के मामले की जांच में दोषी पाए जाने के बाद फातमी को हटाने का निर्णय किया गया। जांच समिति ने पाक प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के विशेष सहायक फातमी को हटाने की सिफारिश की थी, जिसे शरीफ ने मंजूरी दे दी। (भाषा)