गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे को अपना निजी दोस्त करार देते हुए कहा कि वह उनके साथ मुलाकात का कोई भी मौका खोते नहीं है और ऐसी मुलाकातें द्विपक्षीय मामलों में बहुत ही सहायक साबित होती हैं।
उन्होंने आबे की दो दिवसीय भारत (गुजरात) यात्रा को बहुत ही उत्पादक करार दिया। मोदी ने 12वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान यहां महात्मा मंदिर में आबे की मौजूदगी में अपने संबोधन में कहा, 'मैं आबे से मुलाकात का कोई भी मौका गंवाता नहीं हूं। ऐसी मुलाकातें कई मुद्दों तथा द्विपक्षीय मामलों में बहुत सहायक होती हैं।'
उनके कहने पर सम्मेलन स्थल पर मौजूद लोग, जिनमें कई मंत्री और अन्य गणमान्य लोग थे, ने खड़े होकर आबे के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
मोदी ने कहा कि गुजरात में मिनी जापान देखने का उनका सपना पूरा हो गया है। एक अरब 20 करोड भारतीय जापानी लोगों के प्रति वैसी ही भावना रखते हैं, जैसी वे अपने हमवतनों के लिए रखते हैं।
उन्होंने कहा कि आबे का यह दौरा काफी उत्पादक रहा है और इसके आर्थिक पहलुओं के अलावा इसका सफल राजनयिक और सामरिक पक्ष भी है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा भी हुई है।
उन्होंने भारत में कारोबार की आसानी के लिए उनकी सरकार की ओर से कई शृंखलाबद्ध सुधार किए गए हैं। इनसे विभिन्न सूचकांकों के मामले में भारत के स्थान में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जापान को भी भारत के इन कदमों से बड़ा फायदा हो सकता है।
इस मौके पर उपस्थित सुजुकी मोटर कारपोरेशन के अध्यक्ष ओसामु सुजुकी ने कहा कि उनके गुजरात के हांसलपुर स्थित कार संयंत्र परिसर की तीसरी इकाई भी शुरू की जाएगी, जिससे इसकी कुल उत्पादन क्षमता सालाना बढ़कर साढ़े सात लाख इकाई हो जाएगी।
इसी परिसर में लिथियम आयन बैटर संयंत्र को भी शुरू किया जाएगा। इसमें उत्पादित बैटरी का इस्तेमाल भारत में बना कर निर्यात की जाने वाली कारों में किया जाएगा। (वार्ता)