पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र बलूचिस्तान में विस्फोट, 25 की मौत

Webdunia
शनिवार, 13 मई 2017 (08:55 IST)
प्रतीकात्मक फोटो
पाकिस्तान के कब्जे वाले अशांत दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान में शुक्रवार को एक शक्तिशाली विस्फोट में 25 व्यक्ति मारे गए और 35 अन्य घायल हो गए। इस जानलेवा हमले में पाकिस्तान की सीनेट के उपाध्यक्ष बाल-बाल बच गए, हालांकि उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई और वह घायल हो गए।
 
प्रांत के मस्तुंग इलाके में मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को निशाना बनाया गया, जब वह एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करके बाहर आए। जिस इलाके में विस्फोट हुआ वह प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब 70 किमी दूर है।
 
मस्तुंग अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी मलिक जिब्रान ने बताया कि 20 मृतकों और 35 से अधिक घायलों को अस्पताल लाया गया है। उन्होंने बताया कि 15 से अधिक घायलों की हालत नाजुक है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अब्दुल रज्जाक चीमा ने बताया कि 30 से 40 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि हैदरी मामूली तौर पर घायल हुए हैं।
 
बलूचिस्तान का प्राचीन इतिहास और समस्या की वजहें... 
 
हैदरी मौलाना फजलुर रहमान के जमात उलेमा-ए-इस्लाम फैजल (जेयूआई-एफआई) से संबंधित हैं। मारे गए ज्यादातर लोग उनकी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। सीनेट के अध्यक्ष रजा रब्बानी ने कहा कि यह एक आत्मघाती हमला था जिसका निशाना उपाध्यक्ष थे। रब्बानी ने कहा, 'मैंने बलूचिस्तान के मुख्य सचिव से बात की और उनसे हैदरी को विमान से क्वेटा लाने के लिए कहा।'
 
जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि हैदरी को सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि हैदरी का वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उनका चालक हमले में मारा गया।
 
मस्तुंग के जिला पुलिस अधिकारी गजनफर अली ने कहा कि हैदरी इसलिए बच गए क्योंकि वह विस्फोट के समय कार में नहीं थे। उन्होंने कहा, 'यह आत्मघाती बम हमला हो सकता है लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।' अब तक किसी भी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
 
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता अनवारूल हक काकर ने बताया कि हमले की प्रकृति के बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा। 'बम की प्रकृति का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।' बलूचिस्तान में आतंकवादियों और अलगाववादियों के बीच हालिया वर्ष में हमले हुए हैं। इलाके में लगातार सुरक्षा अभियानों के बावजूद मस्तुंग में अशांति रही है। 
 
गौरतलब है कि बलोच कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तानी सेना वहां अपहरण, उत्पीड़न और हत्याएं कर रही है जिसके कारण वहां पाकिस्तान के खिलाफ भावनाएं भड़क रही हैं। बलूचिस्तान के लोगों में नाराज़गी दशकों से रही है लेकिन अलगाववाद की ताजा लहर 2006 में उस वक्त शुरू हुई जब पाकिस्तानी सेना ने बलोच कबायली नेता नवाब अकबर बुगती को मार दिया था। अलगाववादियों का कहना है कि वो आजाद बलूचिस्तान के लिए लड़ रहे हैं। (एजेंसी)
 
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