इस्लामाबाद। लड़कियों की शिक्षा और उनके अधिकारों की वकालत करने वाली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई फिर अपने वतन पाकिस्तान आई है। अधिकारियों का कहना है कि 2012 में हुई तालिबान हमले के बाद वह पहली बार अपने देश वापस लौटी है।
इस यात्रा के बारे में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए उनके कार्यक्रमों और अन्य जानकारियों को गोपनीय रखा गया है। आशा की जा रही है कि इस चार दिवसीय यात्रा पर मलाला प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी से भी मिलेंगी।
स्थानीय टीवी चैनलों पर आयी तस्वीरों के मुताबिक, 20 वर्षीय मलाला अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कड़ी सुरक्षा के बीच बाहर आईं।
9 अक्टूबर 2012 को स्वात घाटी में तालिबान के बंदूकधारियों ने मलाला की स्कूल बस रोकी और उसमें घुसकर सवाल किया 'मलाला कौन है?' जवाब मिलने पर उन्होंने उसे गोली मार दी। इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला के दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया।घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गई जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ और उसने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की।
मलाला 2014 में सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली व्यक्ति बनीं। वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं। (भाषा)