वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, 2015 के ईरान परमाणु समझौते से समर्थन वापस लेने का खतरनाक फैसला कर अतंरराष्ट्रीय स्तर पर सकंट उत्पन्न कर रहे हैं। इस समझौते पर ईरान के साथ बातचीत केरी ने ही की थी।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, कि यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों एवं उसके करीबी सहयोगियों के लिए खतरा है। ट्रंप लंबे समय से इस समझौते की आलोचना करते रहे हैं। समझौते का लक्ष्य तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाना है।
वर्ष 1979 में हुई इस्लामी क्रांति से जुड़ी समस्याओं का जिक्र करते हुए ट्रंप ने अपने भाषण में कि ईरानी तानाशाही, आतंकवाद को उसकी सहायता और पश्चिम एशिया तथा पूरी दुनिया में लगातार जारी उसके आक्रामक रवैये के खिलाफ अपनी बात रखी।
ट्रंप ने इस समझौते को खत्म करने की धमकी दी है लेकिन इसके लिए प्रक्रियात्मक कदम उठाने के बजाय उन्होंने इसके भाग्य का फैसला करने का जिम्मा कांग्रेस पर छोड़ दिया है जिसमें रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है।
केरी ने सांसदों से ट्रंप के खिलाफ खड़े होने की अपील करते हुए कहा, 'कांग्रेस पर यह दांव भारी पड़ेगा।' (भाषा)