वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पोलैंड और जर्मनी में 2,000 अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है। जर्मनी से रोमानिया में 1,000 और सैनिक स्थानांतरित किए जा रहे हैं।
ऐसा कर बाइडन यूक्रेन पर रूस के सैन्य आक्रमण की आशंका के बीच नाटो के पूर्वी हिस्से पर अपने सहयोगियों के प्रति अमेरिकी कटिद्धता प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहे हैं। रूस ने इस कदम पर आपत्ति जताते हुए इस तैनाती को निराधार और विनाशकारी बताया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ फोन पर बातचीत भी की। हालांकि, दोनों देशों की सरकारों की ओर से जारी बयानों से प्रतीत होता है कि मामले को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।
पुतिन ने कहा कि कि रूस की सुरक्षा चिंताओं पर पश्चिम कोई ध्यान नहीं दे रहा, वहीं जॉनसन ने यूक्रेन की सीमा पर रूस की शत्रुतापूर्ण गतिविधि के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की और वहां तैनात रूस के 100,000 सैनिकों का जिक्र भी किया।
बाइडन प्रशासन अब संकट के राजनयिक समाधान खोजने के प्रयासों को कम किए बिना अमेरिकी प्रतिबद्धता दर्शाने की कोशिश कर रहा है। बाइडन प्रशासन ने हालांकि, नाटो के पूर्वी हिस्से में बाल्टिक देशों एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया में सैनिक नहीं भेजे हैं।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि शीघ्र ही की जाने वाली अमेरिकी सैन्यबलों की तैनाती का मकसद अमेरिका और संबद्ध सहयोगियों का मनोबल बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यह स्थायी कार्रवाई नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि रूस लगातार यूक्रेन सीमा के पास सैनिकों की तैनाती कर रहा है, यहां तक की पिछले 24 घंटों में भी उसने ऐसा किया है, जबकि अमेरिका उससे लगातार स्थिति नहीं बिगड़ने देने की अपील कर रहा है।