तेहरान/वाशिंगटन। ईरान ने इराक स्थित ऐसे कम से कम दो सैन्य अड्डों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए थे। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने दावा किया कि इस मिसाइल हमले में 80 लोगों की मौत हुई है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने अभी मौत की पुष्टि नहीं की है। दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है। ईरान ने दावा किया है कि उसने 22 मिसाइलों से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। अल असद पर 17 और इरबिल पर 5 मिसाइलें दागी गईं। इराक के अनुसार करीब आधे तक मिसाइलों के हमले किए गए।
बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। सुलेमानी पर हमले का आदेश शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था।
पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने ईरान के मिसाइल हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हम युद्ध में हुए प्रारंभिक नुकसान का आकलन कर रहे हैं। हॉफमैन ने बताया कि 7 जनवरी को शाम साढ़े पांच बजे ‘ईरान ने इराक में अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बलों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
अमेरिकी सैन्य अधिकारी के मुताबिक सैन्य बेस कैंपों पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही है।
ईरानियन स्टेट टीवी ने कहा कि अमेरिकी बेस कैंपों पर किए गए हमले में 80 अमेरिकन आतंकवादियों की मौत हो गई है। मिसाइल हमले में अमेरिकी मिलिट्री के हथियार जिनमें हेलीकॉप्टर शामिल हैं, बुरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि अगर वॉशिंगटन बदले में हमला करता तो 100 और टारगेट्स रखे गए थे।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि ये मिसाइलें ईरान ने दागी और इराक में अल-असद और एरबिल स्थित कम से कम दो इराकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प को मौजूदा स्थिति की जानकारी दे दी गई है।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के अगुवा हुसैन सलामी ने अमेरिका के समर्थन वाले स्थानों को 'आग के हवाले' करने की मंगलवार को धमकी दी थी। सलामी ने कर्मन के एक चौराहे पर जमा हुए हजारों लोगों के सामने यह प्रतिज्ञा ली थी। जनरल कासिम सुलेमानी का गृह प्रदेश है। सुलेमानी की मौत के बाद पूरे पश्चिम एशिया में हालात तनावपूर्ण हैं।