नई दिल्ली। मौसम विभाग ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इस साल के सबसे तेज तूफान 'मांखुत' का प्रभाव भारत में दिखने की आशंका से इंकार नहीं किया है। हालांकि विभाग ने भारत में इस तूफान का सकारात्मक असर पड़ने का दावा करते हुए कहा है कि इसकी वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून को विस्तार मिलेगा जिससे देश के पूर्वी एवं उत्तरी इलाकों में बारिश का अतिरिक्त दौर देखने को मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इस साल के 2 सबसे तेज तूफान 'बारिजात' और 'मांखुत' के कारण पिछले 2 दिनों में फिलीपीन्स सहित आसपास के इलाकों में जान-माल का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक सुनीता देवी ने बताया कि शुक्रवार को 'बारिजात' तूफान की गति धीमी पड़ने के बाद शनिवार को फिलीपीन्स में 'मांखुत' तूफान के कारण तेज आंधी देखने को मिली।
इसके बाद तूफान का रुख पश्चिम की ओर देखते हुए अगले 3 दिनों में यह भारत के पूर्वी तट पर दस्तक दे सकता है। हालांकि इस दौरान तूफान की गति धीमी पड़ने के कारण तटीय इलाकों में चक्रवात जैसे किसी खतरे की आशंका नहीं है।
उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे हवा के कम दबाव के क्षेत्र को 'मांखुत' प्रभावित करेगा। इसकी वजह से देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस लौटने की अवधि में लगभग 1 सप्ताह की बढ़ोतरी तय है। फलस्वरूप 18 और 19 सितंबर को नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और मेघालय में मानसून की अतिरिक्त बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।
डॉ. देवी ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 15 सितंबर को वापस लौटने की संभावना थी लेकिन पूर्वोत्तर में इसके विस्तार को देखते हुए मध्यभारत में भी यह अगले सप्ताह अतिरिक्त बारिश लेकर आएगा। इसके मद्देनजर 20 और 21 सितंबर को ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में तथा 23 और 24 सितंबर को पूर्वी राजस्थान एवं पश्चिमी और पूर्वी उत्तरप्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से तेज बारिश हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि सामान्य तौर पर देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की 1 सितंबर तक वापसी शुरू हो जाती है। इस साल इसकी अवधि में 2 सप्ताह के इजाफे के कारण इस अवधि में देश के उत्तर एवं पूर्वोत्तर राज्यों में अतिरिक्त बारिश का दौर जारी रहा।
विभाग ने मानसून के लौटने में 1 सप्ताह के इजाफे की संभावना को देखते हुए देश में अब तक हुई बारिश के स्तर में लगभग 9 प्रतिशत की कमी के पूरा होने की उम्मीद जताई है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 15 सितंबर तक की अवधि में पूरे देश में 741.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य स्तर 814.2 मिमी की तुलना में 9 प्रतिशत कम है। (भाषा)