लंदन। ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के कुछ दिन बाद एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के हिन्दू 'कुशल, धनवान और बहुत अच्छा व्यवहार करने वाले' हैं तथा 2021 में देश की जेलों में केवल 0.4 प्रतिशत हिन्दू थे, जो किसी भी धर्म के लोगों की सबसे कम संख्या है। हिन्दुओं ने अन्य समुदाय को लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड और वेल्स में 9,83,000 हिन्दू रहते हैं तथा समझा जाता है कि ब्रिटेन में 500 साल से भारत से हिन्दू आते रहे हैं। 'द टाइम्स' अखबार की खबर के अनुसार यह आव्रजन की सफल कहानी है। इसने लिखा है कि ब्रिटेन की जेलों में केवल 329 हिन्दू हैं। रिपोर्ट के अनुसार वे ईसाइयों से अधिक योग्यता प्राप्त हैं और अधिक कमाते हैं। अब एक डॉक्टर के परिवार की दूसरी पीढ़ी के सदस्य ऋषि सुनक नंबर 10 (10, डाउनिंग स्ट्रीट) पहुंच गए हैं।
भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के बाद 1947 में हिन्दू विस्थापन की पहली बड़ी लहर आई और उन्हें ब्रिटेन में युद्ध के बाद श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यहां तक कि आव्रजन-विरोधी इनोक पॉवेल ने स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में भारतीय उपमहाद्वीप से स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की थी।
दूसरी लहर पूर्वी अफ्रीका से 1970 के दशक में आई, जब ईदी अमीन ने युगांडा की एशियाई आबादी को निकाला। भारतवंशी समुदाय के करीब 4,500 लोग भारत चले गए, वहीं 27,000 ब्रिटेन में पुन: बस गए। ब्रिटेन ने जब 1990 के दशक में विदेशी छात्रों के लिए आव्रजन कानूनों में ढील दी, तब भारतीयों के प्रवास की तीसरी लहर आई।
सबसे अधिक धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के रूप में हिन्दू बड़े शहरों के आसपास केंद्रित हैं। ब्रिटेन के 47 प्रतिशत हिन्दू लंदन में रहते हैं, जो राजधानी की आबादी का 5 प्रतिशत हैं। रिपोर्ट के अनुसार 50 साल से अधिक समय बाद हिन्दू देश के विभिन्न कोनों में पहुंच गए हैं। ब्रिटिश फ्यूचर थिंक टैंक के संस्थापक सुंदर काटवाला ने कहा कि अगली जनगणना में हम देखेंगे कि हर जगह थोड़ी अधिक विविधता होगी।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में 59 प्रतिशत ब्रिटिश हिन्दुओं ने उच्च शिक्षा हासिल करने की जानकारी दी, जो ईसाइयों के 30 प्रतिशत के आंकड़े से लगभग दोगुनी संख्या है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल 7.8 प्रतिशत हिन्दुओं ने अपनी सर्वोच्च शिक्षा के रूप में जीसीएसई (माध्यमिक शिक्षा के सामान्य प्रमाणपत्र) होने की बात की है जबकि 20 प्रतिशत ईसाइयों के पास जीसीएसई है। रिपोर्ट कहती है कि केवल 5.5 प्रतिशत ब्रिटिश हिन्दुओं ने कोई औपचारिक योग्यता हासिल नहीं की है।
साल 2012 तक लंदन में रहने वाले हिन्दुओं के पास 2,77,400 पाउंड (संपत्ति सहित) की शुद्ध संपदा थी, जो यहूदी समुदाय के बाद दूसरे स्थान पर थी। यहूदियों और ईसाइयों के बाद हिन्दुओं की गरीबी दर तीसरी सबसे कम है। ब्रिटेन में धार्मिक समूहों में हिन्दुओं को यहूदी समुदाय के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्रति घंटा कमाई करने वाला बताया गया है, जो प्रति घंटे 13.80 पाउंड कमाते हैं।
दुकानदार प्रीत कहते हैं कि उनके बच्चों ने उन्हें दिन-रात, हफ्ते में सातों दिन और 1 दिन में करीब 12 घंटे काम करते देखा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वे इस तरह काम करना चाहते हैं। मैं उनसे हमेशा कहता था कि हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि तुम्हें नहीं करनी पड़े।
रिपोर्ट बताती है कि सबसे हालिया जनगणना से पता चला है कि 15.4 फीसदी ब्रिटिश-भारतीय, जिनमें से लगभग 50 फीसदी हिन्दू हैं, पेशेवर और उच्च प्रबंधकीय भूमिकाओं में हैं, जो किसी भी समूह का उच्चतम अनुपात है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta