H-1B Visa को लेकर चौंकाने वाली खबर, 50% तक की गिरावट, ट्रंप के पद ग्रहण से पहले टेंशन में क्यों भारतीय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 14 दिसंबर 2024 (16:46 IST)
H-1B visa denial rate falls in 2024 : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में राष्ट्रपति का पद ग्रहण करेंगे। उससे पहले भारतीयों में आशंका के बादल गहरा रहे हैं। हालांकि इससे पहले चौंकाने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है। भारतीय आईटी फर्म को अमेरिका से मिलने वाले एच-1बी वीजा 2015 की तुलना में आधे हो गए हैं और अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे और घटेंगे। इससे अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय विद्यार्थियों की चिंता भी बढ़ी है। एक रिपोर्ट के अनुसार टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस, भारतीय आईटी फर्मों को वित्त वर्ष 24 में यूएस एच-1बी वीजा अनुमोदन में 50% से अधिक की गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। 
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भारतीय छात्रों को लौटने की एडवायजरी : इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2015 में जहां भारत की शीर्ष 7 आईटी कंपनियों के नए कर्मियों को जहां 14,795 वीजा दिए गए थे, वहीं 2024 में सिर्फ 7299 एच-1 बी वीजा मिले। क्रिसमस ब्रेक पर छुट्टी जाने वाले छात्रों से उनके विश्वविद्यालयों ने सलाह जारी की है कि वे 20 जनवरी से पहले वापस आ जाएं। ट्रम्प के राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद क्या होगा। अस्थाई तौर पर बिना ग्रीन कार्ड के काम कर रहे टेक कर्मियों को भी इस तरह की एडवायजरी दी जा रही है। 
 
रिपोर्ट में क्या दी गई चेतावनी : रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि आने वाला ट्रम्प प्रशासन अपने पहले कार्यकाल के दौरान अपनाई गई प्रतिबंधात्मक आव्रजन नीतियों को पुनः लागू करता है, तो अस्वीकृति दर बढ़ सकती है।  व्यक्तिगत कंपनी के प्रदर्शन के संदर्भ में, अमेजॉन ने शुरुआती रोजगार के लिए 3,871 एच-1बी अनुमोदन के साथ पैक का नेतृत्व किया - वित्त वर्ष 23 में 4,052 और वित्त वर्ष 22 में 6,396 से कम। 
कंपनियों ने कम किए आवेदन : अमेजन के बाद कॉग्निजेंट ने 2,837 अनुमोदन, इंफोसिस ने 2,504 और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने 1,452 अनुमोदन प्राप्त किए। अन्य उल्लेखनीय कंपनियों में आईबीएम (1,348), माइक्रोसॉफ्ट (1,264), एचसीएल अमेरिका (1,248), गूगल (1,058), कैपजेमिनी (1,041) और मेटा प्लेटफॉर्म (920) शामिल हैं। 
 
क्या है H-1B वीजा : एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है। यह आमतौर पर उन्हें मिलता है, जो अमेरिका में काम करने जाते हैं। इसके बाद उसे ग्रीन कार्ड दिया जाता है। अमेरिकी आईटी कंपनियों में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की जर्बदस्त डिमांड की वजह से एच-1बी वीजा भारतीय सबसे अधिक हासिल करते हैं। इस वीजा के लिए आवेदन विशेष अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों की ओर से संबंधित कंपनियां करती हैं। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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