वॉशिंगटन। सीआईए प्रमुख के तौर पर गिना हसपेल की नियुक्ति के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के साथ सीआईए में गिना के शानदार करियर में अब नया आयाम जुड़ने जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि गिना अमेरिकी इतिहास में पहली महिला सीआईए प्रमुख होंगी। हालांकि सीनेट के प्रभावशाली सांसदों ने मंगलवार को संकेत दिया कि वे उनकी नियुक्ति पर अपनी सहमति नहीं देने वाले हैं बल्कि वे यातना कार्यक्रम में गिना की भूमिका को लेकर उन्हें घेरने की तैयारी में हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को सभी को चौंकाते हुए विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को हटाने, उनकी जगह सीआईए निदेशक माइक पोम्पेओ को नियुक्त करने तथा गिना को पदोन्नत करने की घोषणा की। पोम्पेओ की जगह गिना हसपेल (61) की नियुक्ति पर मुहर के लिए सीनेट में मतदान होगा। अगर सीनेट उनकी नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा देता है तो वे अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला होंगी।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बताया कि गिना को मैं बहुत अच्छे से जानता हूं। मैंने उनके साथ बहुत करीब से काम किया है। वे सीआईए की पहली महिला निदेशक होंगी। वे बहुत शानदार महिला हैं जिनसे मैं भली-भांति परिचित हूं।
राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक डेनियल कोट्स ने कहा कि ट्रंप ने सीआईए की अगली निदेशक के तौर पर गिना की नियुक्ति की अपनी घोषणा से अपना मजबूत पसंद जाहिर की है। गिना वर्ष 1985 में सीआईए में शामिल हुई थीं। उन्हें विदेशों में कार्य का व्यापक अनुभव रहा है और उन्होंने कई स्थानों में चीफ ऑफ स्टेशन के तौर पर भी काम किया है। आतंकवाद निरोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्होंने जॉर्ज एच. डब्ल्यू बुश पुरस्कार और इंटेलिजेंस मेडल ऑफ मेरिट पुरस्कार भी दिया गया है।
‘वॉल स्ट्रीट’ पत्रिका के अनुसार वे सीआईए की उस टीम का भी हिस्सा थीं, जो संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी एवं पूछताछ की निगरानी करती थी। सीनेट की प्रभावशाली सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष एवं रिपब्लिकन सांसद जॉन मॅकेन ने कहा कि बीते दशक के दौरान अमेरिका के कैद में रहे आरोपियों को दी गई यातना देश के इतिहास में सर्वाधिक काला अध्याय रहा है।
इसी तरह से कई और सांसदों ने भी गिना हसपेल की नियुक्ति पर अपने विरोध प्रकट किया। (भाषा)