एस्टोरिया (अमेरिका)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तमाम तहकीकातों और तनाव के बीच सोमवार को मुलाकात करेंगे। अगर ट्रंप का यह कदम सही साबित हुआ और वे पुतिन के साथ साझा हित तलाश पाए तो हेलसिंकी शिखर वार्ता विश्व के कुछ बड़े विवादों को खत्म कर सकती है। वाशिंगटन और मॉस्को की प्रतिद्वंद्विता दशकों से जगजाहिर है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच होने वाली इस बैठक की बड़े स्तर पर आलोचना भी हो रही है। बहरहाल, हेलसिंकी पहुंचने से पहले ट्रंप ने कहा था कि मैं ज्यादा उम्मीद के साथ वहां नहीं जा रहा हूं।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, फिनलैंड में अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट पेंस ने उनकी अगवानी की। इसके बाद रात्रि में विश्राम के लिए जिस जगह पर उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है वहां के लिए वे रवाना हो गए। फिनलैंड की राजधानी के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने ट्वीट किया। ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा कि हेलसिंकी, फिनलैंड के लिए रवाना हो रहा हूं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने को उत्सुक हूं।
- डोनाल्ड ट्रंप और व्लादीमिर पुतिन की यह पहली आधिकारिक मुलाकात होगी। इसमें उन मुद्दों पर चर्चा की संभावना है, जहां अमेरिका और रूस के हित सीधे टकराते हैं। दोनों पक्ष ऐसे मामलों में बीच का कोई रास्ता तलाशने पर बात कर सकते हैं।
दोनों की मुलाकात नाटो की बैठक के बाद होने जा रही है। इसमें यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका की तकरार साफ तौर पर नजर आई। रूस ने उम्मीद जताई कि यह मुलाकात यूरोप दौरे की तुलना में आसान होगी और इसमें सामने कुछ बेहतर निकलकर आएगा।
- रूस जहां अमेरिका से यूक्रेन मसले पर दूर रहने, सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने और उत्तर कोरिया के साथ बातचीत जारी रखने के लिए कह सकता है, वहीं अमेरिका उन 12 रूसी खुफिया अधिकारियों के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है, जिन पर 2016 के अमरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने की कोशिश का आरोप है।
- ट्रंप और पुतिन की मुलाकात फिनलैंड के प्रेजीडेंशियल पैलेस के गोथिक हॉल में होगी। उनकी मुलाकात करीब 90 मिनट तक चलने की संभावना है। ट्रंप और पुतिन की इस मुलाकात में केवल दोभाषिए ही मौजूद रहेंगे। यह मुलाकात कुछ उसी तरह की होगी, जैसे सिंगापुर में उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन और ट्रंप की बैठक हुई थी। (एजेंसियां)