इस्लामाबाद। फर्जी खाता मामले में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की ओर से तैयार सूची में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो तथा पीपीपी के सह अध्यक्ष आशिफ अली जरदारी तथा सिंध के मुख्यमंत्री कइम अली शाह और समाज के विभिन्न वर्गों के शीर्ष लोगों समेत 172 लोगों के नाम शामिल हैं जिनके विदेश दौरों पर पाबंदी लगा दी गई है।
इस सूची में कई जाने-माने राजनेताओं, नौकरशाहों, सांसदों, व्यापारियों, बैंकरों तथा अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। इनमें प्रमुख लोगों के नाम इस प्रकार हैं-
बिलावल भुट्टो जरदारी, पीपीपी अध्यक्ष, आसिफ अली जरदारी, पीपीपी सह-अध्यक्ष, फरयाल तालपुर, पीपीपी नेता, मुराद अली शाह, सिंध के मुख्यमंत्री, कइम अली शाह, सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री, अब्दुल गनी मजीद, ओमनी ग्रुप,
अनवर मजीद ख्वाजा, ओमनी ग्रुप, मुहम्मद आरिफ खान, ओमनी ग्रुप, अली कमल मजीद, ओमनी ग्रुप, ख्वाजा एम. सलमान यूनिस, ओमनी ग्रुप के मुख्य अधिकारी।
माजिद ख्वाजा, ओमनी ग्रुप, रियाज, बहरिया टाउन के सीईओ, अहसान रजा दुर्रानी, समिट बैंक के अध्यक्ष, हुसैन लावई, समिट बैंक के अध्यक्ष, बिलाल शेख, सिंध बैंक के अध्यक्ष अहसान तारिक, सिंध बैंक के अध्यक्ष, सैयद अली रजा, नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष, अली अजीम इकराम, एसईसीपी के कार्यकारी निदेशक।
इस हफ्ते की शुरुआत में फर्जी बैंक खातों के जरिए अरबों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही एक जेआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जरदारी ग्रुप, बहरिया टाउन और ओमनी ग्रुप की तिकड़ी के बीच घनिष्ठ संबंध पाया गया था। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 2 न्यायाधीशों की पीठ को सौंपी गई एक रिपोर्ट में खुलासा किया कि कम से कम 29 बैंक खातों को नकली के रूप में पहचाना गया था जिनका उपयोग 20 अरब रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया था।
शीर्ष अदालत ने ठेकेदारों एवं बिल्डरों सहित जरदारी समूह, ओमनी समूह, बहरिया टाउन, फरियाल तालपुर और अन्य को सुनवाई की अगली तारीख 31 दिसंबर को जेआईटी की रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी दर्ज कराने का आदेश दिया है। गुरुवार को सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि संघीय कैबिनेट ने फर्जी बैंक खातों के मामले में संयुक्त जांच टीम की रिपोर्ट में नामित सभी 172 लोगों को विदेश जाने पर पाबंदी लोगों की सूची में डालने का फैसला किया है। चौधरी ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि यह पैसा पाकिस्तान के लोगों का है। (वार्ता)