जब भारत में आई राजनीतिक अस्थिरता, 5 बार हुए लोकसभा चुनाव और बने 6 प्रधानमंत्री

Webdunia
नई दिल्ली। देश में यूं तो आम चुनाव हर 5 वर्ष में होता है लेकिन एक ऐसा दौर भी आया था जब 10 वर्ष में लोकसभा के पांच बार चुनाव हुए और छ: प्रधानमंत्री बने।

वर्ष 1989 से 1999 तक दस साल के दौरान पांच बार लोकसभा चुनाव हुए। इस दौरान सिर्फ एक बार ही लोकसभा पांच वर्ष का अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा कर सकी। दो बार दो-दो वर्ष में चुनाव कराए गए जबकि एक बार तो करीब एक वर्ष के बाद ही चुनाव कराना पड़ा। इस अवधि की एक खास बात यह भी रही कि एक अल्पमत सरकार पूरे पांच वर्ष तक चली।

राजनीतिक अस्थिरता का यह दौर 1989 के चुनाव से शुरू हुआ। इससे पांच वर्ष पहले हुए चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतने वाली कांग्रेस 197 सीटें ही हासिल कर सकी। नए-नए बने जनता दल के विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी। भाजपा और वाम दलों ने इस सरकार को बाहर से समर्थन दिया था।
 
एक वर्ष के अंदर ही जनता दल में फूट पड़ गई और उससे अलग हुए चंद्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार ज्यादा नहीं चल सकी और 1991 में लोकसभा के चुनाव कराए गए।
 
राव ने बनाई अल्पमत सरकार : इस चुनाव के बीच ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आतंकी हमले में मौत हो गई। कांग्रेस एक बार फिर बहुमत हासिल नहीं कर सकी। उसे 232 सीटें मिली और पीवी नरसिंहराव के नेतृत्व में उसने केंद्र में अल्पमत सरकार बनाई, जो पूरे पांच वर्ष चली। राव लोकसभा में बहुमत नहीं होने के बावजूद पूरे पांच वर्ष सरकार चलाने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री रहे।
 
किसी दल को नहीं मिला बहुमत : वर्ष 1996 में हुए आम चुनाव में एक बार फिर किसी भी दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। भाजपा 161 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी और अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में उसने पहली बार केंद्र में सरकार बनाई, लेकिन यह सरकार सिर्फ 13 दिन ही चल सकी। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया और जनता दल को सरकार बनाने में बाहर से समर्थन दिया। 
 
पहले एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व में सरकार बनी, जो मुश्किल से एक वर्ष चली। इसके बाद इंद्रकुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार भी एक वर्ष से ज्यादा नहीं चल सकी। देश में फिर से आम चुनाव कराने पड़े।
 
जब एक मत से गिरी सरकार : वर्ष 1998 में हुए चुनाव में भाजपा एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और अटलबिहारी वाजपेयी ने 13 दलों के समर्थन से साझा सरकार बनाई। उनकी सरकार 13 महीने ही चल पाई। अन्नाद्रमुक के समर्थन वापस लेने के बाद उनकी सरकार लोकसभा में एक मत से गिर गई।
 
पहली बार बनी साझा सरकार : देश में 1999 में फिर से चुनाव हुए। इस बार भी किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, लेकिन इस चुनाव से देश में स्थिर साझा सरकार का दौर शुरू हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी फिर से प्रधानमंत्री बने तथा भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी। इसने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया और ऐसा करने वाली यह देश की पहली साझा सरकार बनी। (वार्ता) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

चांद पर क्यों होती है भूकंपीय हलचल? क्या कहता है ISRO का विश्लेषण

जेल के कैदियों के आवेदन पत्र लिखने वाला बंदी कुलदीप बना 'लखपति'

यूपी में युवा उद्यमियों को 10 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण, CM योगी की बड़ी घोषणा

बम और बातचीत साथ नहीं चल सकते, जम्मू में अमित शाह ने कहा

विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस के साथ, खरगे बोले चक दे इंडिया, चक दे हरियाणा!

सभी देखें

नवीनतम

Violence in Manipur: मणिपुर के जिरीबाम में फिर भड़की हिंसा, 5 लोगों की मौत

शराब नीति घोटाले में CBI की फाइनल चार्जशीट, केजरीवाल के खिलाफ लगाया नया आरोप

यूपी में ओवैसी की पार्टी के जिला अध्यक्ष की हिन्दू लड़की से शादी करने पर हत्या

बीच हवा में लहराने लगा सिंगापुर से चीन जा रहा प्लेन, यात्रियों की सांस अटकी, 7 घायल

हैदराबाद : आइसक्रीम में व्हिस्की मिलाकर बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 2 गिरफ्तार

अगला लेख
More