नींद संबंधी बीमारियों पर 2 दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 5 से

Webdunia
गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (17:59 IST)
नींद संबंधी बीमारियों पर मध्य भारत में पहली बार 2 दिवसीय इंटेरनेशनल कॉन्फ्रेंस 5 और 6 अक्टूबर, 2024 को इंदौर में होने जा रही है। साउथ ईस्ट एशियन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन (SEAASM) द्वारा आयोजित यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम नींद से जुड़ी बीमारियों पर विशेषज्ञों के बीच कम्यूनिकेशन का एक प्लेटफॉर्म बनकर इन बीमारियों से बचाव, जांच और इलाज के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तैयार है।

यह कॉन्फ्रेंस हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स और रिसर्चर्स के लिए एक इमर्सिव अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार है। दुनियाभर के जाने-माने विशेषज्ञ अपने नवीनतम निष्कर्षों को साझा करने, उभरते रुझानों पर चर्चा करने और नींद संबंधी बीमारियों की जांच और इलाज के लिए नए दृष्टिकोणों का पता लगाने के लिए एकत्रित होंगे। कॉन्फ्रेंस की मुख्य विशेषताओं में एक्सपर्ट लेक्चर्स, प्रैक्टिकल, केस स्ट्डीज और नेटवर्किंग के अवसर होंगे।

ऑर्गनाइज़िंग सेक्रेटरी डॉ. रवि डोसी ने कहा, हम इस ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वालों का स्वागत करते हुए रोमांचित हैं। उम्मीद है यह कॉन्फ्रेंस प्रोफेशनल्स को नींद से जुड़ी बीमारियों के क्षेत्र में अग्रणी बने रहने और अनगिनत व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देने का एक खास अवसर प्रदान करेगा।

मैरियट होटल में होने वाली इस कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन यानी रविवार 6 अक्टूबर को शाम 5 बजे 'खर्राटों का हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य पर गहरा असर' विषय पर आमजन के लिए विशेषज्ञों द्वारा एक पैनल डिस्कशन रखा गया है, जिसमें शहर और देश के जाने-माने विशेषज्ञ डॉ. सलिल भार्गव, डॉ. रवि डोसी, डॉ. राजेश स्वर्णकार, डॉ. उपेन्द्र सोनी, डॉ. व्ही. एस. पाल, डॉ. शिवानी स्वामी एवं डॉ. नेहा राय बातचीत करेंगे और सवालों के जवाब देंगे।

इस पैनल डिस्कशन के बारे में डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि संभवतः यह पहली कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें आमजन को प्रोफेशनल्स और एक्स्पर्ट्स को सुनने और उनसे अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने का मौका मिलेगा। डॉ. भार्गव ने कहा कि खर्राटे सिर्फ एक आम समस्या नहीं हैं, बल्कि यह हमारी दिनचर्या और स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं।

जब कोई व्यक्ति खर्राटे लेता है, तो उसका श्वसन मार्ग संकीर्ण हो जाता है, जिससे हवा का प्रवाह कठिन हो जाता है और नींद बाधित हो जाती है। लगातार खर्राटे आने से व्यक्ति को पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। खर्राटे न केवल प्रभावित व्यक्ति की नींद को खराब करते हैं, बल्कि उनके परिवार या साथी के लिए भी यह एक बड़ी समस्या बन सकते हैं।

इसके कारण अन्य लोग भी सोने में कठिनाई महसूस करते हैं, जिससे रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है। इसके अतिरिक्त लंबे समय तक खर्राटों की समस्या की अनदेखी करने से स्वास्थ्य समस्याएं जैसे स्लीप एपनिया, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
Image credit : Freepik

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CJI चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर SC जजों ने जताई आपत्ति, जानिए क्या कहा

सावधान! नए रैपर में एक्सपायरी दवाएं तो नही खा रहे आप

उमर अब्दुल्ला को याद आए अटल जी, हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं

INDIA की 7 गारंटी, 10 लाख नौकरियां, 450 रुपए में गैस सिलेंडर

रायबरेली में राहुल गांधी, कहा- जब भी यहां आता हूं, रिश्ता और गहरा हो जाता है

सभी देखें

नवीनतम

चुनाव चिन्‍ह विवाद पर SC ने अजित पवार की NCP को दिया यह आदेश...

ट्रंप की जीत से चमका Share Bazaar, Sensex 901 अंक उछला, Nifty में भी आई तेजी

संवैधानिक मूल्यों को नष्ट करने की कोशिश कर रहे BJP और PM मोदी : प्रियंका गांधी

जो बाइडेन की थकान से लेकर महंगाई तक, क्‍या हैं Donald Trump की जीत के 6 सबसे बड़े कारण?

वायुसेना का हेलीकॉप्टर आपात स्थिति में खेत में उतरा

अगला लेख
More