इंदौर (मध्यप्रदेश)। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए इंदौर नगर निगम (आईएमसी) द्वारा सार्वजनिक निर्गम (पब्लिक इश्यू) के रूप में पेश हरित बॉन्ड का निवेशकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और इसने करीब 721 करोड़ रुपए का अभिदान जुटाया है। यह रकम इस निर्गम के 122 करोड़ रुपए के आधार मूल्य (बेस प्राइस) के मुकाबले करीब 6 गुना ज्यादा है।
आईएमसी के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक आईएमसी ने 60 मेगावॉट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए कुल 244 करोड़ रुपए जुटाने के वास्ते हरित बॉन्ड प्रस्तुत किया था जो घरेलू पूंजी बाजार में देश के किसी भी नगरीय निकाय द्वारा अपनी तरह की पहली पेशकश है।
उन्होंने बताया कि बॉन्ड खुलने के पहले दिन 10 फरवरी को इसे 661.52 करोड़ रुपए का अभिदान प्राप्त हुआ था जबकि 14 फरवरी (मंगलवार) को इसके बंद होने के वक्त यह आंकड़ा बढ़कर 720.75 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया।
अधिकारियों ने बताया कि इस सार्वजनिक निर्गम ने संस्थागत निवेशकों से सर्वाधिक 229.35 करोड़ रुपए जुटाए जबकि कॉर्पोरेट निवेशकों से इसे 204.57 करोड़ रुपए का अभिदान प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि खुदरा निवेशकों और 'हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल' (एचएनआई) निवेशकों से निर्गम को क्रमश: 176.33 करोड़ रुपए और 110.50 करोड़ रुपए का अभिदान हासिल हुआ।
इस बीच इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि निकाय के सार्वजनिक निर्गम के प्रति निवेशकों का उत्साह दिखाता है कि उन्हें देश के सबसे स्वच्छ शहर के सतत विकास का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि ये निवेशक हरित अर्थव्यवस्था में सहभागी बनना चाहते हैं। गौरतलब है कि देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की करीब 35 लाख की आबादी पानी की आवश्यकताओं के लिए काफी हद तक नर्मदा नदी पर निर्भर है।
अधिकारियों ने बताया कि नर्मदा जल को पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव से 80 किलोमीटर दूर इंदौर लाकर घर-घर पहुंचाने में आईएमसी को हर साल करीब 300 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं जिसमें मोटर पम्प चलाने में इस्तेमाल बिजली का बिल सरकारी खजाने पर सबसे भारी बोझ डालता है। अधिकारियों ने बताया कि हरित बॉन्ड से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल जलूद में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में किया जाएगा जिससे आईएमसी के बिजली बिल में बड़ी कटौती होगी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta