इंदौर। मध्यप्रदेश पुलिस ने नशे की अवैध खरीद-फरोख्त के आरोप में 3 लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया। इनमें वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का एक दोषी और टी सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार के हत्याकांड में आरोपों से बरी होने होने वाला एक व्यक्ति शामिल है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इंदौर में 70 करोड़ रुपए मूल्य की एमडीएमए नशे की अंतरराज्यीय तस्करी के 20 दिन पुराने मामले की जांच में मिले सुरागों के आधार तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) योगेश देशमुख ने संवाददाताओं को बताया कि एमडीएमए की अवैध खरीद-फरोख्त में कथित तौर पर शामिल होने के चलते मुंबई निवासी अय्यूब इब्राहिम कुरैशी (55), नासिक निवासी वसीम खान उर्फ बाबूजी (50) और इंदौर निवासी गौरव पुरी (36) को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया।
उन्होंने बताया कि अय्यूब इब्राहिम कुरैशी को मुंबई बम धमाकों के मुकदमे में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया था और वह 5 साल का सश्रम कारावास भी भोग चुका है।
एडीजी ने बताया कि नशे की अवैध खरीद-फरोख्त में गिरफ्तार वसीम खान वर्ष 1997 के गुलशन कुमार हत्याकांड के आरोपियों में शामिल था, लेकिन मुंबई की एक अदालत ने सबूतों के अभाव में उसे इस मामले में आरोपों से बरी कर दिया था।
देशमुख ने कहा कि खान एक जमाने में माफिया सरगना अबू सलेम के गिरोह से भी जुड़ा रहा है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने हैदराबाद के दवा कारखाना संचालक वेदप्रकाश व्यास (50) समेत पांच तस्करों को पांच जनवरी को गिरफ्तार किया था और इनके कब्जे से 70 किलोग्राम एमडीएमए जब्त किया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नशे के वैश्विक बाजार में इस सिंथेटिक ड्रग की इस खेप की कीमत 70 करोड़ रुपये आंकी गयी है जिसे "एक्स्टसी" के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने बताया कि इसे देश भर में एमडीएमए की अब तक जब्त सबसे बड़ी खेपों में से एक माना जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि नशे की तस्करी के इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक तस्करों से जब्त एमडीएमए की खेप हैदराबाद से इंदौर आई थी और इसे दक्षिण अफ्रीका भेजे जाने की तैयारी की जा रही थी। (भाषा)