महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती : दयानंद जी के बचपन का यह किस्सा आपको भावुक कर देगा

Webdunia
Dayanand Saraswati


दंडी स्वामी की पाठशाला में शिष्य आते, कुछ समय तक रहते, मगर उनके क्रोध, उनकी प्रताड़ना को सहन न कर सकने के कारण भाग जाते। कोई-कोई शिष्य ऐसा निकलता, जो उनके पास पूरा समय रहकर पूरी शिक्षा पा सकता। 
 
यह दंडी स्वामी (स्वामी विरजानंद) की एक बड़ी कमजोरी थी। दयानंद सरस्वती को भी उनसे कई बार दंड मिला, मगर वह दृढ़ निश्चयी थे अत: पूरी शिक्षा प्राप्त करने का संकल्प किए, डटे रहे।
 
एक दिन दंडी स्वामी को क्रोध आया और उन्होंने अपने हाथ के सहारे ली हुई छड़ी से दयानंद की खूब पिटाई करते हुए उसकी खूब भर्त्सना कर दी। मूर्ख, नालायक, धूर्त... पता नहीं क्या-क्या कह कहते चले गए। 
 
दयानंद के हाथ में चोट लग गई, काफी दर्द हो रहा था, मगर दयानंद ने बिलकुल भी बुरा नहीं माना बल्कि उठकर गुरुजी के हाथ को अपने हाथ में ले लिया और सहलाते हुए बोले- 'आपके कोमल हाथों को कष्ट हुआ होगा। इसके लिए मुझे खेद है।' 
 
दंडी स्वामी ने दयानंद का हाथ झटकते हुए कहा- 'पहले तो मूर्खता करता है, फिर चमचागिरी। यह मुझे बिलकुल भी पसंद नहीं।'
 
पाठशाला के सब विद्यार्थियों ने यह दृश्य देखा। उनमें एक नयनसुख था, जो गुरुजी का सबसे चहेता विद्यार्थी था। नयनसुख को दयानंद से सहानुभूति हो आई, वह उठा और गुरुजी के पास गया तथा बड़े ही संयम से बोला- 'गुरुजी! यह तो आप भी जानते हैं कि दयानंद मेधावी छात्र है, परिश्रम भी बहुत करता है।' 
 
दंडी स्वामी को अपनी गलती का अहसास हो चुका था। अब उन्होंने दयानंद को अपने करीब बुलाया। उसके कंधे पर हाथ रखकर बोले- 'भविष्य में हम तुम्हारा पूरा ध्यान रखेंगे और तुम्हें पूरा सम्मान देंगे।' 
 
जैसे ही छुट्टी हुई, दयानंद ने नयनसुख के पास जाकर कहा- 'मेरी सिफारिश करके तुमने अच्‍छा नहीं किया, गुरुजी तो हमारे हितैषी हैं। दंड देते हैं तो हमारी भलाई के लिए ही। हम कहीं बिगड़ न जाएं, उनको यही चिंता रहती है।'
 
यह दयानंद आगे चलकर महर्षि दयानंद बने और वैदिक धर्म की स्थापना हेतु 'आर्य समाज' के संस्थापन के रूप में विश्वविख्यात हुए।
 
- अरविंद सैनी
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

16 shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष पितृपक्ष में महाभरणी का है खास महत्व, गया श्राद्ध का मिलता है फल

21 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 सितंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का पांचवां दिन : जानिए चतुर्थी श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

Sukra Gochar : शुक्र ने बनाया केंद्र त्रिकोण राजयोग, 6 राशियों को नौकरी में मिलेगा प्रमोशन

अगला लेख
More