संगम में चुम्बक से पैसे निकालने की होड़
, शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013 (14:10 IST)
इलाहाबाद। समाप्ति की ओर अग्रसर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक महोत्सव में गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के पावन संगम में से चुम्बक की मदद से पैसा निकालने का धन्धा जोरों पर है। इसमें ज्यादातर आसपास के बच्चे लगे हैं। वे प्लास्टिक की डोरी में चुम्बक बांधकर नदी की तलहटी तक ले जाते हैं। सिक्का चुम्बक में चिपककर ऊपर आ जाता है। आलम यह है कि एक एक बच्चा शाम तक पांच-पांच सौ रुपए से अधिक का काम कर ले रहा है। यह पैसे श्रद्धालु नदी में डाल रहे हैं। इस सिक्के को ये बच्चे व्यापारियों को देकर उनसे रुपए ले रहे हैं। नोट के बदले सिक्के का यह धंधा खूब चल रहा है। संगम तट से सटे इलाहाबाद के मोहल्लों में सिक्के बिकते नजर आ रहे हैं।सैकड़ों की संख्या में मेला क्षेत्र में सिक्के बेचने वाले ये लोग देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की 'नोट के बदले सिक्के' की जरूरतें पूरी करते हैं।राजेश निषाद कहते हैं, संगम स्नान करने आने वाले श्रद्धालु स्नान करने के बाद गंगा मे सिक्के डालते हैं। इसके अलावा गंगा आरती, संगम तट पर स्थिति मंदिरों में पूजा अर्चना के समय श्रद्धालुओं को काफी सिक्कों की आवश्यकता होती है। श्रद्धालुओं को नोट के बदले सिक्के देते हैं। उन्होंने बताया दस रुपए के नोट के बदले छह रुपए के सिक्के देते हैं। कभी-कभी अधिक मोलभाव करने पर सात रुपए के सिक्के भी दे देते हैं। इस धंधे में शामिल हर शख्स कम से कम 500 रुपए के सिक्के लेकर तड़के से संगम के विभिन्न घाटों पर बैठकर नोट के बदले सिक्के ले लो की आवाज लगाता है। आमतौर पर संगम स्नान करने आने वाला लगभग हर श्रद्धालु गंगा मे सिक्के डालने से लेकर पूजा अर्चना और गंगा आरती मे सिक्के का प्रयोग करता है। इस काम मे लगे राम कुमार ने कहा कि आम दिनों मे 500-600 रुपए तक मुनाफा कमाते हैं। शाही स्नान के समय तो यह आंकड़ा हजार के ऊपर पार कर गया था। क्योंकि शाही स्नान की भीड़ ज्यादा होती है।उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दिन दो हजार रुपए का मुनाफा कमाया था। अभी माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दो मुख्य स्नान बाकी है। उम्मीद है कि इन स्नान महापर्वो पर धंधा ठीक रहेगा। (वार्ता)