पिछले दिनों मौनी अमावस्या पर इलाहाबाद स्टेशन पर हुए हादसे में जहां तीन दर्जन के लगभग लोगों की मौत हो गई थी, वही कई दर्जन श्रद्धालुओं को चोटें आईं थी लेकिन वसंत पंचमी पर होने वाले स्थान के लिए एक दिन पूर्व ही कई लाख श्रद्धालु संगम किनारे पहुंच गए और सूर्य की पहली किरण के साथ ही संगम पर डुबकी लगाने को तैयार थे।
मौनी अमावस्या पर उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम पर पहुंचने से मेला प्रशासन व रेलवे प्रशासन की व्यवस्था धरी रह गई थी और तीन दर्जन से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस दर्द भरी घटना के बाद भी वसंत पंचमी पर पहले उम्मीद की जा रही थी कि श्रद्धालु पहले की अपेक्षा कम आएंगे लेकिन गुरुवार की दोपहर से ही कई लाख श्रद्धालुओं का आना लगातार बना हुआ है।
श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला देख मेला प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन ने बडे़ वाहनों का प्रवेश एक दिन पूर्व ही प्रतिबंधित कर दिए, साथ ही चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी। मेला प्रशासन मौनी अमावस्या को हुई चूक से घटना को पुनः दोहराना नहीं चाह रहा है इसलिए उसने यात्रियों के आने-जाने के साथ ही उनको नियंत्रित करने के लिए गुरुवार से ही प्रशासन लगा हुआ है।
वसंत पंचमी पर स्नान करने के लिए देशी श्रद्धालु ही नहीं दर्जनों की संख्या में विदेशी भक्त भी संगम पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान कई विदेशी श्रद्धालु रास्ता भटक गए जिन्हे पुलिस के जवान रास्ता समझाने में लगे हुए थे।
इलाहाबाद स्टेशन पर मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद से ही रेलवे प्रशासन ने भी स्टेशन पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही शुक्रवार को वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए जी-जान से जुटे हुए है।
मौनी अमावस्या को हुए स्टेशन पर हादसे के बाद स्टेशन परिसर पर बैरिकेटिक कर दी गई है, साथ ही यात्रियों को किस रास्ते से बाहर जाना है और किस रास्ते से अंदर इसको बताने के लिए सुरक्षा कर्मी मौजूद है। कुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने वाले रास्ते से ही श्रद्धालुओं का संगम पर पहुंचने का जो कारवां दिखाई दे रहा है वो टूटने का नाम नहीं ले रहा है। सिर पर गठरी लादे महिला-आदमी सभी कोई नंगे पैर है तो कोई पैरों में जूते पहने संगम पर पहुंचने को परेशान है।
वसंत पंचमी पर पहले स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं एक दिन पूर्व रात में ही संगम की रेती पर डेरा जमा चुके थे। मेले में आने वाली भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए जहां रास्ते में सुरक्षा कर्मी तैनात है, वहीं सरकार की तरफ से कुछ लोग आने-जाने वालों को कैमरे में कैद कर रहे है जिससे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सकें।