इस वर्ष पूर्णिमा केवल 26 मार्च 2013 को प्रदोषव्यापिनी है। 27 मार्च को तो वह प्रदोष को बिल्कुल स्पर्श नहीं करती है। 26 मार्च को भद्रा 27 घंटे 41 मि. तक है।
इस वर्ष होलिका दहन 26 मार्च 2013 को मध्य रात्रि के बाद भद्रा के मुख को त्याग कर, भद्रा में ही करना होगा। इस दिन भद्रा का मुख 24.52 मिनट तक है।
इस दिन भद्रा मुख प्रदोष से काफी दूर अर्द्धरात्रि के बाद विद्यमान है। अतः 26 मार्च 2013 को भद्रामुख से रहित प्रदोष काल में होलिका दहन किया जा सकता है।
विभिन्न मतानुसार होलिका दहन के मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य अशोक पंवार के मतानुसार शास्त्रीय सम्मत से अर्द्धरात्रि में वैकल्पिक हिंदू मुहूर्त -
होलिका दहन मुहूर्त चौघड़िया - 3.43 से 6.27 तक अवधि = 2 घंटे 43 मिनट तक है।
ज्योर्तिविद् पं. ओम वशिष्ठ के के अनुसार होली दहन का श्रेष्ठ समय
सायं : 6.39 से रात 9.05 मिनट तक, तत्पश्चात मध्यरात्रि में : 11.44 मिनट से 12.25 मिनट तक।
27 मार्च धुलेंड़ी के दिन अल सुबह 3.44 मिनट से सूर्योदय तक का समय श्रेष्ठ रहेगा।
भद्रा : दोप. 2.24 से रात 3.44 तक
होली मनाएं लेकिन जल की बर्बादी से जितना हो सके बचना ही चाहिए। सूखे रंगों का प्रयोग करें व ऐसे रंग हो जो आसानी से साफ किए जा सके। सिल्वर पेन्ट, काले रंग आदि से बचा जाए।