Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

शिक्षिकाओं के लिए महिला प्रशिक्षण विद्यालय

हमें फॉलो करें शिक्षिकाओं के लिए महिला प्रशिक्षण विद्यालय
webdunia

अपना इंदौर

इंदौर नगर में 1867 में प्रथम कन्या विद्यालय की स्‍थापना के साथ स्‍त्री शिक्षा की शुरुआत तो हो गई थी, किंतु महिला शिक्षिकाओं के अभाव में कन्या विद्यालयों में छात्राएं जाती नहीं थीं या बहुत कम जाती थीं। राज्य द्वारा यह प्रयास किया गया कि महिला अध्यापिकाओं की अधिकाधिक नियुक्तियां कन्या शालाओं में की जाएं। प्रशिक्षित महिला अध्यापिकाएं उपलब्ध नहीं थीं। इस अभाव को समाप्त करने के लिए इंदौर नगर में (बड़े गणपति के पीछे, जहां शारदा कन्या विद्यालय है) एक महिला प्रशिक्षण विद्यालय स्थापित किया गया।
 
1922 में भारत सरकार के गवर्नर जनरल लॉर्ड रीडिंग को इंदौर आमंत्रित किया गया। महिला शिक्षा के विस्तार में उनकी रुचि थी। उन्हीं के द्वारा इस ट्रेनिंग स्कूल का उद्घाटन करवाया गया। उनके नाम पर ही इस स्कूल का नामकरण लेडी रीडिंग स्कूल रखा गया जिसे आम प्रचलन में एल.आर.टी.एस. कहा जाता है।
 
इस विद्यालय में ऐसी छात्राओं को, जो प्रशिक्षण पाकर अध्यापिका बनना चाहती थी, प्रवेश दिया जाता था। उन्हें राज्य की ओर से 12 रु. प्रतिमाह छात्रवृत्ति के रूप में दिए जाते थे। इनके साथ ही राज्य के विद्यालयों में अध्यापन कर रहीं महिला शिक्षिकाओं को भी यहां प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता था। सेवारत अधापिकाओं को 18 रु. प्रतिमाह प्रदान किए जाते थे।
 
इस विद्यालय में अध्यापन विधियों, बाल-मनोविज्ञान आदि के अतिरिक्त सिलाई, बुनाई, चित्रकला एवं संगीत आदि विषयों का भी प्रशिक्षण दिया जाता था। इस विद्यालय में प्रशिक्षण पाकर पहला 5 महिलाओं का दल 1925 में तैयार हुआ। अगले ही वर्ष 11 महिलाओं का दल प्रशिक्षित हुआ। इसके बाद इस संस्था में निरंतर छात्रा संख्या बढ़ती गई। प्रत्येक प्रशिक्षित महिला को राज्य की ओर से यह ग्यारंटी दी गई थी कि उसे शिक्षा विभाग में अध्यापक पद प्रदान किया जाएगा।
 
1925 में इंदौर नगर में बालिकाओं पर भी अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम लागू कर दिया गया। बालिकाओं की प्राथमिक शिक्षा हेतु उसी वर्ष 12 नवीन पाठशालाएं खोली गईं, जिनमें प्राथमिक शिक्षा हेतु उसी वर्ष 12 नवीन पाठशालाएं खोली गई जिनमें प्रशिक्षित अध्यापिकाओं की नियुक्तियां की गईं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

राजकन्याएं पढ़ती थीं सरकारी कन्या विद्यालय में