सूर्य को जल चढ़ाने से बढ़ता है आत्मविश्वास, जानिए 5 खास बात

Webdunia
हमारी भारतीय परंपरा में वैदिक काल से सूर्योपासना अनवरत चली आ रही है। प्रतिदिन भगवान सूर्यदेव की उपासना करने तथा उन्हें जल का अर्घ्य देकर मंत्र जाप करने का महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यतानुसार प्रतिदिन सूर्योपासना अथवा सूर्य को जल चढ़ाने से हमारे अंदर आत्मविश्वास जागृत है तथा नकारात्मकता दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। 
 
आइए जानते हैं 5 खास बातें-
 
1. प्रतिदिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें। तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाकर सूर्यदेव का स्मरण करते हुए सूर्य अर्घ्य दें। 
 
2. प्रात:काल के समय पूर्व दिशा में जैसे ही सूर्यागमन होने से पहले नारंगी किरणें प्रस्फूटित होती दिखाई दे रही हो, तभी दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर जल इस तरह चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें तथा हमेशा सूर्य को जल का अर्घ्य धीरे-धीरे चढ़ाएं ताकि जलधारा आपके आसन पर आकर गिरे, अगर यह जलधारा जमीन पर गिरती हैं तो आपको जल में समाहित सूर्य ऊर्जा का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। अत: इस बात का ध्यान अवश्‍य रखें कि यह सीधे भूमि पर न गिरें। 
 
3. सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय 'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।' को कम से कम 11 बार अवश्य पढ़ें। साथ ही मंत्र- 'ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा:।।' मंत्र को तीन बार बोलें।
 
4. सूर्य अर्घ्य के बाद सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें। तथा उसी स्थान पर 3 परिक्रमा करके आसन उठा लें तथा उस स्थान को नमन करें। इस तरह की गई सूर्यदेव की उपासना से जीवन में यश, सिद्धि, समृद्धि तथा सफलता प्राप्त होती है।
 
5. मान्यतानुसार प्रतिदिन अथवा हर रविवार को पूरे मन से सूर्योपासना की जाए तो यह बेहद शुभ और कल्याणकारी माना गया है। इस दिन सूर्यदेव का पूजन अवश्य करें। एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, रोली, लाल कनेर के पुष्प, अक्षत और गुड़ डालकर अर्घ्य देने से सूर्यदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा कार्य करने के प्रति आत्मविश्वास जागृत होता है। सूर्य पिता का कारक है और जिस तरह पिता के होने से व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है उसी तरह सूर्य की शीतल रश्मियां जल के साथ जब ह्रदयस्थल पर पड़ती है तो दिल मजबूत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं  समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 
 
ALSO READ: विवाह पंचमी पर क्यों नहीं करते हैं शादी, जानिए इसका राज?
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Guru Nanak Jayanti 2024: कब है गुरु नानक जयंती? जानें कैसे मनाएं प्रकाश पर्व

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

शमी के वृक्ष की पूजा करने के हैं 7 चमत्कारी फायदे, जानकर चौंक जाएंगे

Kartik Purnima 2024: कार्तिक मास पूर्णिमा का पुराणों में क्या है महत्व, स्नान से मिलते हैं 5 फायदे

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal:14 नवंबर का राशिफल, आज किस पर होंगे ग्रह मेहरबान, पढ़ें 12 राशियां

14 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

14 नवंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

क्या सिखों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी जा सकते हैं करतारपुर साहिब गुरुद्वारा

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

अगला लेख
More