श्री साईं बाबा अष्टोत्तरशत - नामावली (अर्थसहित)

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Shri Sai Baba Ji Ashtotarsh - Namawali

1. 'ॐ श्री साईंनाथाय नम:'।
 
-ॐ श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
2. 'ॐ श्री साईं लक्ष्मी नारायणाय नम:'।
 
-ॐ जो लक्ष्मीनारायण के स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
3. 'ॐ श्री साईं कृष्णमशिवमारूतयादिरूपाय नम:'।
 
-ॐ जो श्रीकृष्ण, राम, शिव, मारुति आदि देवताओं के स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
4. 'ॐ श्री साईं शेषशायिने नम:'।
 
-ॐ जो शेषनाग पर शयन करने वाले भगवान विष्णु के अवतार हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
5. 'ॐ श्री साईं गोदावीरतटीशीलाधीवासिने नम:'।
 
-ॐ जो गोदावरी नदी के तट पर बसी 'शीलधी' (शिरडी) में निवास करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
6. 'ॐ श्री साईं भक्तहृदालयाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के मन में विराजमान हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
7. 'ॐ श्री साईं सर्वहृन्निलयाय नम:'।
 
-ॐ जो सभी प्राणियों के मन में निवास करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
8. 'ॐ श्री साईं भूतावासाय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त प्राणियों में बसते हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
9. 'ॐ श्री साईं भूतभविष्यदुभवाज्रिताया नम:'।
 
-ॐ जो भूत तथा भविष्य की चिंताओं से मुक्त करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
10. 'ॐ श्री साईं कालातीताय नम:'।
 
-ॐ जो काल की सीमाओं से परे हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
11. 'ॐ श्री साईं कालायः नम:'।
 
-ॐ जो काल अर्थात समय के स्वामी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
12. 'ॐ श्री साईं कालकालाय नम:'।
 
-ॐ जो काल की सीमाओं से परे हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
13. 'ॐ श्री साईं कालदर्पदमनाय नम:'।
 
-ॐ जो काल (मृत्युदेव) के अहंकार का नाश करते हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
14. 'ॐ श्री साईं मृत्युंजयाय नम:'।
 
-ॐ जो मृत्यु को जीतने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
15. 'ॐ श्री साईं अमर्त्याय नम:'।
 
-ॐ जो अमरत्व को पाए हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
16. 'ॐ श्री साईं मर्त्याभयप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो मृत्यु के भय से रक्षा करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
17. 'ॐ श्री साईं जिवाधाराय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त जीवों के आधार हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
18. 'ॐ श्री साईं सर्वाधाराय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त ब्रह्मांड के आधार हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
19. 'ॐ श्री साईं भक्तावनसमर्थाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों की रक्षा करने में समर्थ हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
20. 'ॐ श्री साईं भक्तावनप्रतिज्ञाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों की रक्षा करने हेतु प्रतिज्ञाबद्ध हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
21. 'ॐ श्री साईं अन्नवस्त्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो अन्न और वस्त्र के दाता हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
22. 'ॐ श्री साईं आरोग्यक्षेमदाय नम:'।
 
-ॐ जो आरोग्य और कल्याण प्रदान करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
23. 'ॐ श्री साईं धनमांगल्यप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो धन तथा मांगल्य प्रदान करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
24. 'ॐ श्री साईं ऋद्धिसिद्धिदाय नम:'।
 
-ॐ जो ऋद्धि-सिद्धि को देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
25. 'ॐ श्री साईं पुत्रमित्रकलत्रबंधुदाय नम:'।
 
-ॐ जो पुत्र, मित्र, पति अथवा पत्नी और संबंधी देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
26. 'ॐ श्री साईं योगक्षेमवहाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों को सभी तरह का सुख प्रदान करने तथा कल्याण की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
27. 'ॐ श्री साईं आपदबांधवाय नम:'।
 
-ॐ जो संकट के समय बंधु के समान रक्षा करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
28. 'ॐ श्री साईं मार्गबंधवे नम:'।
 
-ॐ जो जीवन मार्ग के साथी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
29. 'ॐ श्री साईं भक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय नम:'।
 
-ॐ जो सांसारिक वैभव, मोक्ष और नैसर्गिक आनंद व अंतिम उत्सर्ग को प्रदान करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
30. 'ॐ श्री साईं प्रियाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के प्रिय हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
31. 'ॐ श्री साईं प्रीतिवर्द्धनाय नम:'।
 
-ॐ जो प्रीति को बढ़ाने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
32. 'ॐ श्री साईं अंतर्यामिणे नम:'।
 
-ॐ जो अंतर्यामी, अर्थात मन की समस्त भावनाओं से परे हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
33. 'ॐ श्री साईं सच्चिदानात्मने नम:'।
 
-ॐ जो सत्य और विशुद्ध आत्मा के प्रतीक हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
34. 'ॐ श्री साईं नित्यानंदाय नम:'।
 
-ॐ जो नित्य आनंद हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
35. 'ॐ श्री साईं परमसुखदाय नम:'।
 
-ॐ जो परम सुख को देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
36. 'ॐ श्री साईं परमेश्वराय नम:'।
 
-ॐ जो परमेश्वर हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
37. 'ॐ श्री साईं परब्रह्मणे नम:'।
 
-ॐ जो साक्षात् परब्रह्म स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
38. 'ॐ श्री साईं परमात्मने नम:'।
 
-ॐ जो परमात्मा स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
39. 'ॐ श्री साईं ज्ञानस्वरूपिणे नम:'।
 
-ॐ जो साक्षात् ज्ञान के स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
40. 'ॐ श्री साईं जगत: पित्रे नम:'।
 
-ॐ जो जगत पिता हैं अर्थात संसार के रचयिता हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
41. 'ॐ श्री साईं भक्तानां मतधातपितामहाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के माता, पालनकर्ता और पितामह हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
42. 'ॐ श्री साईं भक्ताभय प्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों को अभयदान देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
43. 'ॐ श्री साईं भक्तपराधिनाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के अधीन होकर उनके ही कल्याण में लगे हुए हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
44. 'ॐ श्री साईं भक्तानुग्रहकातराय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों पर अपनी कृपा या अनुग्रह बनाए रखने के लिए अति दयावान हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
45. 'ॐ श्री साईं शरणागतवत्सलाय नम:'।
 
-ॐ जो अपनी शरण में आए भक्त पर वात्सल्य रखने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
46. 'ॐ श्री साईं भक्तिशक्तिप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्ति और शक्ति देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
47. 'ॐ श्री साईं ज्ञानवैराग्यपदाय नम:'।
 
-ॐ जो ज्ञान और वैराग्य प्रदान करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
48. 'ॐ श्री साईं प्रेमप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो प्रेम देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
49. 'ॐ श्री साईं संशयहृदयदोर्बल्यपापकर्म नम:'।
 
-ॐ जो समस्त संदेहों, मन की दुर्बलता, पाप-कर्म तथा वासना का नाश करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
50. 'ॐ श्री साईं हृदयग्रन्थिवेदकाय नम:'।
 
-ॐ जो मन और विचारों में पड़ी हुई समस्त ग्रंथियों को खोल देने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
51. 'ॐ श्री साईं कर्मध्वंसिने नम:'।
 
-ॐ जो पाप-कर्मों से होने वाले प्रभाव को नष्ट करते हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
52. 'ॐ श्री साईं सुद्धसत्त्वस्थिताय नम:'।
 
-ॐ जो शुद्ध मन सात्विक भावों पर संस्थापित हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
53. 'ॐ श्री साईं गुणातीतगुणात्मने नम:'।
 
-ॐ जो गुणों से परे हैं और समस्त सद्गुणों से परिपूर्ण हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
54. 'ॐ श्री साईं अनंत कल्याणगुणाय नम:'।
 
-ॐ जो अनंत कल्याणकारी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
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55. 'ॐ श्री साईं अमितपराक्रमाय नम:'।
 
-ॐ जो असीमित पराक्रम और वीरता के स्वामी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
56. 'ॐ श्री साईं जयिने नम:'।
 
-ॐ जो स्वयं जय हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
57. 'ॐ श्री साईं दुर्घषोक्षोभ्याम नम:'।
 
-ॐ जो अत्यंत कठिन को भी सरल करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
58. 'ॐ श्री साईं अपराजितय नम:'।
 
-ॐ जो सदा अजेय हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
59. 'ॐ श्री साईं त्रिलोकेषु अनिघातगतये नम:'।
 
-ॐ जो तीनों लोकों के स्वामी, जिनके कल्याणकारी सद्कर्मों में कोई भी विघ्न नहीं हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
60. 'ॐ श्री साईं अशक्यरहिताय नम:'।
 
-ॐ जिनकी शक्ति से कोई भी बाहर नहीं हैं ऐसे सद्गुरु श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
61. 'ॐ श्री साईं सर्वशक्तिमूर्तये नम:'।
 
-ॐ जो सर्वशक्ति परमात्मा के स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
62. 'ॐ श्री साईं सुसरूपसुंदराय नम:'।
 
-ॐ जो अत्यंत मनोहारी स्वरूप वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
63. 'ॐ श्री साईं सुलोचनाय नम:'।
 
-ॐ जो अत्यंत सुंदर नेत्र वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
64. 'ॐ श्री साईं बहुरूपविश्वमूर्तये नम:'।
 
-ॐ जो बहुरूपी, विश्वरूपी, सर्वरूपी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
65. 'ॐ श्री साईं अरूपाव्यक्ताय नम:'।
 
-ॐ जो निराकार हैं जिनके स्वरूप को व्यक्त नहीं किया जा सकता, ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
66. 'ॐ श्री साईं अचिंताय नम:'।
 
-ॐ जो अकल्पनीय, अगम्य और गहन स्वरूप वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
67. 'ॐ श्री साईं सूक्ष्माय नम:'।
 
-ॐ जो अत्यंत सूक्ष्म रूप धारण करने वाले हैं, उन सर्वव्यापी प्रभु श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
68. 'ॐ श्री साईं सर्वान्तर्यामिणे नम:'।
 
-ॐ जो समस्त जीवों की अंतरात्मा या हृदय में वास करते हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
69. 'ॐ श्री साईं मनोवागतिताय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के मन और वाणी से परे हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
70. 'ॐ श्री साईं प्रेममूर्तये नम:'।
 
-ॐ जो साक्षात् प्यार और करुणा के अवतार हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
71. 'ॐ श्री साईं सुलभदुर्लभाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्त हेतु अत्यंत सुलभ, किंतु दुष्ट आत्मा हेतु अति दुर्लभ हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
72. 'ॐ श्री साईं असहायसहायाय नम:'।
 
-ॐ जो असहायों के सहायक हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
73. 'ॐ श्री साईं अनाथनाथदीनबन्धवे नम:'।
 
-ॐ जो अनाथों के नाथ हैं तथा गरीबों के बंधु हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
74. 'ॐ श्री साईं सर्वभारभ्रते नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों के समस्त दुखों के भार स्वयं पर लेने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
75. 'ॐ श्री साईं अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे नम:'।
 
-ॐ जो स्वयं अकर्मा होकर अपने सुकर्मों को करने वाले भी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
76. 'ॐ श्री साईं पुण्यश्रवणकीर्तनाय नम:'।
 
-ॐ जिनका सतत नाम स्मरण और कीर्तन सुनने से पुण्य की प्राप्ति हैं, ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
77. 'ॐ श्री साईं तीर्थाय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त तीर्थों के साक्षात् स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
78. 'ॐ श्री साईं वासुदेवाय नम:'।
 
-ॐ जो श्री वासुदेव के स्वरूप हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
79. 'ॐ श्री साईं सता गतये नम:'।
 
-ॐ जो सज्जनों के गंतव्य हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
80. 'ॐ श्री साईं सत्परायणाय नम:'।
 
-ॐ जो सत्य के पूर्णतया समर्पित हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
81. 'ॐ श्री साईं लोकनाथाय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त लोकों के प्रभु हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
82. 'ॐ श्री साईं पावनानधाय नम:'।
 
-ॐ जो पावन-पवित्र रूपधारी और दोषरहित हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
83. 'ॐ श्री साईं अमृतांशवे नम:'।
 
-ॐ जो अमृत के एक अंश हैं, उन अमृतमय श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
84. 'ॐ श्री साईं भास्करप्रभाय नम:'।
 
-ॐ जो दैदीप्यमान सूर्य के समान आभा वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
85. 'ॐ श्री साईं ब्रह्मचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय नम:'।
 
-ॐ जो ब्रह्मचर्य, तपश्चर्य और अन्य सुब्रतों में स्थित हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
86. 'ॐ श्री साईं सत्यधर्मपराणाय नम:'।
 
-ॐ जो सत्य और धर्म का पालन करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
87. 'ॐ श्री साईं सिद्धेश्वराय नम:'।
 
-ॐ जो सभी सिद्धियों के स्वामी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
88. 'ॐ श्री साईं सिद्धसंकल्पाय नम:'।
 
-ॐ जिनका संकल्प सदैव सिद्ध होता है, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
89. 'ॐ श्री साईं योगेश्वराय नम:'।
 
-ॐ जो योग के ईश्वर हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
90. 'ॐ श्री साईं भगवते नम:'।
 
-ॐ जो समस्त दैवीय गुणों के स्वामी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
91. 'ॐ श्री साईं भक्तवत्सलाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों पर वात्सल्य का रस बरसाने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
92. 'ॐ श्री साईं सत्यपुरुषाय नम:'।
 
-ॐ जो धर्मपरायण, सत्पुरुष हैं, उन ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
93. 'ॐ श्री साईं पुरुषोत्तमाय नम:'।
 
-ॐ जो पुरुषोत्तम अर्थात श्रीराम के अवतार हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
94. 'ॐ श्री साईं सत्यतत्वबोधकाय नम:'।
 
-ॐ जो सत्य के तत्व का बोध कराने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
95. 'ॐ श्री साईं कामादिषडूवैरिध्वासिने नम:'।
 
-ॐ जो समस्त सांसारिक इच्छाओं और 6 विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) का नाश करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
96. 'ॐ श्री साईं अभेदानंदानुभवरप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो भक्तों को स्वयं में एकाकार कर उससे उत्पन्न आनंद का अनुभव प्रदान करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
97. 'ॐ श्री साईं समसर्वमतसंमताय नम:'।
 
-ॐ जो सभी धर्म समान हैं, ऐसी धारणा रखने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
98. 'ॐ श्री साईं दक्षिणामूर्तये नम:'।
 
-ॐ जो शिवरूपी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
99. 'ॐ श्री साईं वेंकटेशरमणाय नम:'।
 
-ॐ जो भगवान विष्णु से प्रेम वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
100. 'ॐ श्री साईं अद्भुतांतचर्याय नम:'।
 
-ॐ जो अद्भुत और अनंत लीलाओं को करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
101. 'ॐ श्री साईं प्रपन्नार्तीहराय नम:'।
 
-ॐ जो शरण में आए भक्तों के संकट का हरण करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
102. 'ॐ श्री साईं संसारसर्वदुखक्षरूपय नम:'।
 
-ॐ जो संसार के समस्त दुखों का नाश करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
103. 'ॐ श्री साईं सर्वत्सिव्रतोपुखाय नम:'।
 
-ॐ जो त्रिकालदर्शी और सर्वव्यापी हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
104. 'ॐ श्री साईं सर्वांतर्बहि: स्थिताय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त जीव और पदार्थों के अंदर और बाहर प्रत्येक स्थान में स्थित हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
105. 'ॐ श्री साईं सर्वमंगलकराय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त जग का कल्याण करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
106. 'ॐ श्री साईं सर्वाभीष्टप्रदाय नम:'।
 
-ॐ जो समस्त प्राणियों की कल्याणकारी इच्छाओं को पूरा करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार। 
 
107. 'ॐ श्री साईं रामरसतन्मर्गस्थानपनाय नम:'।
 
-ॐ जो विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एकता और समानता के सूत्र में पिरोकर सन्मार्ग की स्थापना करने वाले हैं, उन श्री साईंनाथ को नमस्कार।
 
108. 'ॐ श्री साईं समर्थसद् गुरुसाईंनाथाय नम:'।
 
-ॐ जो आत्मिक ज्ञान प्रदान करने वाले हैं, उन पूर्ण सद्गुरु श्री साईंनाथ को नमस्कार।

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