Yashoda jayanti 2024: फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि को माता यशोदा की जयंती मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 मार्च 2024 को यशोदा मैया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ब्रजमंडल में सुमुख नामक गोप की पत्नी पाटला के गर्भ से यशोदा का जन्म हुआ। उनका विवाह गोकुल के प्रसिद्ध व्यक्ति नंद से हुआ। कहते हैं कि यशोदा वैष्य समाज से थीं। जानिए कि माता यशोदा की मृत्यु कैसे हुए (Mata yashoda ki mrityu kaise hui).
माता संपूर्ण जीवन वृंदावन में ही गुजर गया था। इतिहास में श्रीकृष्ण की माता देवकी और बलराम की माता रोहिणी की कम लेकिन यशोदा की चर्चा ज्यादा होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने माखन लीला, ऊखल बंधन, कालिया उद्धार, पूतना वध, गोचारण, धेनुक वध, दावाग्नि पान, गोवर्धन धारण, रासलीला आदि अनेक लीलाओं से यशोदा मैया को अपार सुख दिया।
माता यशोदा की मृत्यु कैसे हुई- How did Yashoda Mata die:-
श्रीकृष्ण की 11 वर्ष 6 महीने तक माता यशोदा के महल में लीलाएं चलती रहीं। इसके बाद कृष्ण को मथुरा ले जाने के लिए अक्रूरजी आ गए। यह घटना यशोदा के लिए बहुत ही दुखद रही। यशोदा विक्षिप्त-सी हो गईं थीं क्योंकि उनका पुत्र उन्हें छोड़कर जा रहा था। माता यशोदा ने श्रीकृष्ण का पालन पोषण किया है। फिर जब भगवान कृष्ण मथुरा चले गए तब उनका माता यशोदा से मिलना कब हो गया था।
कहते हैं कि श्रीकृष्ण के द्वारिका जाने के बाद तो मां यशोदा से उनका मिलना एकदम ही बंद ही हो गया था। माता यशोदा श्रीकृष्ण के किसी भी विवाह में शामिल नहीं हो पाई थी। कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद जब भगवान कृष्ण अपनी मां यशोदा से मिलने गए तो वे अपनी आखरी श्वास ले रही थी। अपनी लीला समेटने से पहले ही श्रीकृष्ण ने माता यशोदा को गोलोक भेज दिया।