Chaitra month 2024 | हिंदू कैलेंडर का पहला माह चैत्र मास शुरू, जानें महत्व

WD Feature Desk
मंगलवार, 26 मार्च 2024 (10:41 IST)
Chaitra maas 2024 
 
HIGHLIGHTS
• कब से शुरू हो रहा है चैत्र मास।
• चैत्र महीने का महत्व जानें।
• चैत्र मास के महत्वपूर्ण त्योहार कौनसे हैं।

ALSO READ: शक संवत किसने प्रारंभ किया था और क्यों इसे राष्ट्रीय संवत घोषित किया गया?
 
Chaitra Month 2024 Date :इस वर्ष हिन्दू कैलेंडर का प्रथम माह 'चैत्र' का शुभारंभ 26 मार्च 2024, दिन मंगलवार से हो रहा है। तथा 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन ही चैत्र मास की समाप्ति होगी। आइए जानते हैं इसके बारे में खास जानकारी-
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार हिन्दू कैलेंडर का प्रथम मास चैत्र तथा अंतिम मास फाल्गुन होता है। चैत्र महीने में खास तौर पर पापमोचनी एकादशी, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि, भगवान झूलेलाल जयंती, चेटीचंड, राम नवमी, दुर्गा नवमी, कामदा एकादशी, भगवान महावीर जयंती और पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती आदि विशेष पर्व मनाएं जाएंगे।
 
बता दें कि प्राचीन काल में दुनिया भर में मार्च माह को ही वर्ष का प्रथम महीना माना जाता था। आज भी बही-खातों का नवीनीकरण एवं मंगल कार्य की शुरुआत मार्च में ही होती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में ऋतु, मास, तिथि, पक्ष, ग्रह आदि की गणना भी चैत्र प्रतिपदा तिथि से ही की जाती है। सूर्य मास के अनुसार मार्च से ही मेष राशि की शुरुआत भी मानी गई है। इस बार भारतीय राष्ट्रीय शक संवत का प्रारंभ 21 मार्च 2024 से हो चुका है, जिसे शक संवत 1946 के नाम से जाना जाएगा। 

ALSO READ: Weekly Muhurat in Hindi: 25-31 मार्च 2024, जानें नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चैत्र माह की शुरुआत फाल्गुन अमावस्या के पश्चात चंद्रमा जब मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रकट होकर प्रतिदिन 1-1 कला बढ़ता हुआ 15वें दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्णता को प्राप्त कर लेता है, तब वह मास 'चित्रा' नक्षत्र में आने के कारण ही 'चैत्र' कहलाता है। जिसे संवत्सर भी कहा जाता हैं, जिसका अर्थ ऐसा विशेषकर माह जिसमें 12 मास होते हैं। जिनके नाम- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन हैं।
 
हिन्दू धर्म की तिथियों को दो पक्षों में बांटा गया है, जो कि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। चैत्र माह की शुरुआत शुक्ल प्रतिपदा तिथि से होती है, यानी इस दिन से चंद्र की कलाएं बढ़ती है और फिर पूर्णिमा पर समाप्त होती है। तथा चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा से सतयुग का आरंभ माना जाता है। इस दिन नववर्ष की बधाईं देने के साथ ही जल का दान करना चाहिए। शास्त्रों की मानें तो इसी माह में ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थीं।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ALSO READ: Weekly Horoscope: कैसा बीतेगा 12 राशियों का नया सप्ताह, जानें साप्ताहिक राशिफल (25-31 मार्च 2024)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्या गया जी श्राद्ध से होती है मोक्ष की प्राप्ति !

Budh asta 2024: बुध अस्त, इन राशियों के जातकों के लिए आने वाली है मुसीबत, कर लें ये उपाय

Weekly Horoscope: इस हफ्ते किसे मिलेगा भाग्य का साथ, जानें साप्ताहिक राशिफल (मेष से मीन राशि तक)

श्राद्ध पक्ष कब से प्रारंभ हो रहे हैं और कब है सर्वपितृ अमावस्या?

Shani gochar 2025: शनि के कुंभ राशि से निकलते ही इन 4 राशियों को परेशानियों से मिलेगा छुटकारा

सभी देखें

धर्म संसार

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का तीसरा दिन : जानिए द्वितीया श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 19 सितंबर का दिन, पढ़ें अपना राशिफल

19 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

19 सितंबर 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More