हिन्दी कविता : बदला मौसम

सुबोध श्रीवास्तव
चिड़िया
अब नहीं लाती दाना
घोंसले में छिपे
बच्चों के लिए
जो, अब लगने लगे हैं
उसे पराए से।
 
वह सोचती है कि
बच्चे भी सोचते हैं
ऐसा ही कुछ
शायद इसीलिए
वे अब खुद चुगते हैं दाना
कुछ भी नहीं कहते उससे।
 
और चिड़िया
कोशिश नहीं करती
दाना उठाने की
जो बच्चों की चोंच से
गिर जाता है बार-बार
घोंसले में...
क्योंकि परायों के लिए
कोई कुछ नहीं करता।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सेहत के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं जामुन, जानें 10 फायदे

बारिश के मौसम में ऐसे करें अपने पालतू की देखभाल, जानें ये 7 टिप्स

बारिश में ऐसे करें फल और सब्जियों की सफाई, जानें ये 10 उपाय

पैरों में खुजली और इन्फेक्शन से हैं परेशान तो आजमाएं ये 7 घरेलू उपाय

बारिश में अब नहीं होगा डेंगू मलेरिया का खतरा, मच्छर भगाने के 10 उपाय जानें

सभी देखें

नवीनतम

Yug purush ashram: इंदौर में बेरहमी के इस नए कारनामे से तो ईश्‍वर भी रो दिया होगा

पूजा अहिरवार ने अपने 30वें जन्मदिन पर पद्मश्री जनक दीदी से प्रेरित होकर 130 पौधे लगाए

प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को के बाद ऑस्ट्रिया जाएंगे

सिर्फ 2 सेकंड में करें सड़े अंडे की पहचान, जानें ये आसान ट्रिक्स

अ(A) से शुरू होने वाले ये सुंदर नाम हैं आपके बेटे के नामकरण के लिए बहुत ही कल्याणकारी

अगला लेख
More