होली की कविता : फागुन में बिखेरे टेसू ने रंग

संजय वर्मा 'दृष्ट‍ि'
Tesu Flower n Holi
 
पहाड़ों पर टेसू ने रंग बिखेरे फागुन में
हर कदम पर बज रहे ढोल फागुन में
 
ढोल की थाप पे थिरकते पैर फागुन में
महुआ लगे झूमने गीत सुनाए फागुन में
 
बिन पानी खिल जाते टेसू फागुन में
पानी संग मिल रंग लाते टेसू फागुन में
 
रंगों के खेल हो जाते शुरू फागुन में
दुश्मनी छोड़ दोस्ती के मेल होते फागुन में
 
शरमा जाते हैं सब मौसम फागुन में
मांग ले जाते प्रेमी कुछ प्यार फागुन में
 
हर चेहरे पर आ जाती खुशहाली फागुन में
भगोरिया के नृत्य लुभा जाते फागुन में
 
बांसुरी, घुंघरू के संग गीत सुनती फागुन में
ताड़ों के पेड़ों से बन जाते रिश्ते फागुन में
 
शक्कर के हार-कंगन बन जाते मेहमां फागुन में 
पहाड़ों की सचाई हमसे होती रूबरू फागुन में। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

जीवन की ऊर्जा का मूल प्रवाह है आहार

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डाक्टर्स और एक्सपर्ट

इतना चटपटा चुटकुला आपने कभी नहीं पढ़ा होगा: इरादे बुलंद होने चाहिए

अगला लेख
More