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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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कविता : खो गया है, वो शायद कहीं

हमें फॉलो करें कविता : खो गया है, वो शायद कहीं
रश्मि डी जैन
खो गया है
वो शायद कहीं
दूर जा रहा है वो मुझसे
किसी की वजह से 
कुछ न कर सकी मैं 
नए रिश्ते बन जाते हैं
तो पुराने रिश्ते 
बोझ लगने लगते हैं
पर क्यों, 
क्यों नहीं समझते कि 
नए रिश्तों का आधार भी तो
पुराने रिश्ते ही होते हैं
तो फिर कैसे भुलाया जा सकता है
फिर वो रिश्ता चाहे खून का हो 
या दोस्ती का 
नए पुराने रिश्तों का आपसी
सामंजस्य बहुत जरूरी है
रिश्तों में जंग नही लगने देना चाहिए 
बहुत जरूरी है समय-समय पर 
पॉलिश करते रहना
अर्थात आपसी मेलजोल 
शिकवे-शिकायत मिलकर ही 
दूर किए जा सकते हैं
बहुत जरूरी है टूटने से 
पहले रिश्तों को संभालना 
फिर देखिए,  
जिंदगी कितनी खुशहाल बन जाएगी

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