शब्द महिमा

अमित पारनेरकर

Webdunia
संस्कृत मेरी जननी है
देवनागरी मेरी लिपि है

मैं निराकार हूं
जो आकार दोगे सो बन जाऊंगा
विचारों में तुम्हारे ढल जाऊंगा

मैं, 'मेरा' से रिश्ते तोड़ दूं
हम, हमारा, सबका से ह्रदय जोड़ दूं

जो व्याख्या करो तो वाक्य बना दूं
जो रचना करो तो काव्य बना दूं

“भारत छोड़ो” के नारे से अंग्रेजों को भगा दूं
“वंदे मातरम” से रक्त संचार बढ़ा दूं

मेरा तुम उपहास ना करना
मै वो हूं जो इतिहास बदल दूं
“ध” का “मा” हो तो प्राण हर लूं

मुझे उपयोग करने में ना हो मुश्किल कभी
“सत्य” “सरल” “सुंदर” “सही”, पहचान मेरी यही सही॥
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

दीपावली पर बनाएं ये 5 खास मिठाइयां

10 लाइन नरक चतुर्दशी पर निबंध हिंदी में

पुष्य नक्षत्र पर पत्नी को दें ये उपहार, लक्ष्मी माता की कृपा से कभी नहीं होगी धन की कमी

दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें? Essay on Diwali in Hindi

क्या प्यूबिक एरिया में शेविंग क्रीम से बढ़ती है डार्कनेस

सभी देखें

नवीनतम

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

दिवाली पर आपके घर की सुन्दरता में चार चांद लगा सकती हैं ये लाइट्स

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

पेट्रोलियम जेली के फायदे : सिर्फ ड्राय स्किन ही नहीं, जानें इसके छुपे हुए कई ब्यूटी सीक्रेट्स

एंटी एजिंग मेकअप से दिवाली पर दिखें 10 साल छोटी, जानिए ये असरदार ब्यूटी सीक्रेट्स

More