सब कुछ अपरिचय से घिरा है

कवि अशोक वाजपेयी का गद्यांश और प्रेरित कलाकृति

रवींद्र व्यास
Ravindra Vyas
WD
यह पहली सुबह है इस ईसाई संत के प्राचीन कमरे में अकेले। दिन धीरे-धीरे चढ़ रहा है। थोड़ी देर पहले इस कमरे से लगे छोटे से बगीचे में एक रंगीन सी चिड़िया थी। पर प्रायः कोई आवाज नहीं है, कभी-कभी चीजों की अपनी आवाज जैसा कुछ सुनाई देता है।

जैसे चीजें बीच बीच में अलसाकर अँगड़ाई सी ले रही हैं। यों तो होटलों के कमरे भी एकदम अकेले होते हैं पर यहाँ का अकेलापन कुछ अलग है, उसमें कुछ रहस्य, कुछ भय सा है। कोई नहीं आता पर लगता रहता है कि कहीं से कोई प्राचीन पुरुष निकल आएगा। कल रात जब यहाँ पहुँचे तो एकदम सुनसान था, रोशन सुनसान।

फिर भी जैसे हम प्राचीनता के किसी पवित्र से अवसाद में कोई फूहड़ सा खलल डाल रहे हों। यहाँ सब कुछ शांत है मानो अनुग्रह की अटूट अनंत असमाप्य प्रतीक्षा है।

चीजें आसपास सब कुछ अपरिचय से घिरा है। हम सब कुछ धीरे-धीरे ही जानते हैं भले एक अधीर समय में रहते हैं और फँसे हैं। चीजें भी हमें धीरे-धीरे ही जानना शुरू करती है। जैसे सामने की एक खिड़की और उसके पार एक पुरानी पत्थर की ऊँची दीवार या इधर बगल की आयताकार खिड़की से दीखता दीवार का उतना ही बड़ा हिस्सा, इनमें से किसी ने अभी तक मुझे देखा नहीं है।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

दीपावली पर बनाएं ये 5 खास मिठाइयां

10 लाइन नरक चतुर्दशी पर निबंध हिंदी में

पुष्य नक्षत्र पर पत्नी को दें ये उपहार, लक्ष्मी माता की कृपा से कभी नहीं होगी धन की कमी

दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें? Essay on Diwali in Hindi

क्या प्यूबिक एरिया में शेविंग क्रीम से बढ़ती है डार्कनेस

सभी देखें

नवीनतम

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

दिवाली पर आपके घर की सुन्दरता में चार चांद लगा सकती हैं ये लाइट्स

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

पेट्रोलियम जेली के फायदे : सिर्फ ड्राय स्किन ही नहीं, जानें इसके छुपे हुए कई ब्यूटी सीक्रेट्स

एंटी एजिंग मेकअप से दिवाली पर दिखें 10 साल छोटी, जानिए ये असरदार ब्यूटी सीक्रेट्स

More