इंदौर। पद्मश्री से अलंकृत लोकप्रिय कथाकार मालती जोशी का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थी। अंतिम समय में उनके दोनों पुत्र ऋषिकेश और सच्चिदानंद जोशी तथा पुत्र वधुएं अर्चना और मालविका उनके पास थे। वे पिछले कुछ समय से आइसोफेगस के कैंसर से पीड़ित थीं। पारिवारिक सूत्रों के अनुासर उनका निधन उनके बेटे, साहित्यकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी के आवास पर हुआ।
उनका जन्म महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 04 जून 1934 को हुआ था। पद्मश्री से सम्मानित, वरिष्ठ साहित्यकार दीदी मालती जोशी जी की कृतियां साहित्य जगत की अनमोल धरोहर हैं। कहानी कहने की उनकी विशिष्ट शैली ने देशभर के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्यिक कार्यों पर शोध किए गए हैं। उनकी इसी शैली के चलते उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई थी। मालती जोशी ने हिंदी और मराठी भाषा को मिलाकर 60 से अधिक किताबों का लेखन किया है।
वे पिछले कुछ समय से आइसोफेगस के कैंसर से पीड़ित थीं. सूत्रों ने बताया कि अंतिम संस्कार गुरुवार को लोधी रोड श्मशान घाट पर होगा। मालती जोशी को 2018 में राष्ट्रपति कोविंदजी ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
उल्लेखनीय है कि उनका इंदौर से गहरा नाता रहा है।