कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक आरपी मिश्रा ने वरिष्ठ पत्रकार मायाराम सुरजन फाउंडेशन द्वारा हिन्दी साहित्य जगत के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्व. मायाराम जी के कार्यों को जनता तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व बनता है, अच्छी बातों को सदा समाज तक पहुंचना ही चाहिए।
सुप्रसिद्ध कवि प्रयाग शुक्ल ने कहा कि मायाराम सुरजन फाउंडेशन का कार्य काफी सराहनीय है, कला से जुड़े लोगों में संवाद और भी बढऩा चाहिए भोपाल में जो वातावरण है वो देश में कहीं और दिखाई नहीं देता है। इससे पहले मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के नव निर्वाचित अध्यक्ष पलाश सुरजन का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
सम्मेलन के महामंत्री प्रो. विजय अग्रवाल ने कार्यकम की जानकारी प्रदान की। मायाराम सुरजन फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी ललित सुरजन ने मायाराम सुरजन फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में कथाकार पंकज सुबीर को उनके उपन्यास 'ये वो सहर तो नहीं' हेतु, लेखक चित्रकार अखिलेश को उनकी पुस्तक 'दरसपोथी' तथा युवा कवि वसंत सकरगाए को काव्य संग्रह 'निगहबानी में फूल' के लिए वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया गया।
तीनों को पुरस्कार के रूप में शॉल श्रीफल सम्मान पत्र तथा इक्यावन सौ रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर अक्षर पर्व के स्व. मायाराम सुरजन पर केन्द्रित विशेषांक तथा मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा वागीश्वरी पुरस्कार पर विशेष रूप से प्रकाशित विवरणिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। अक्षर पर्व की संपादक सर्वमित्रा सुरजन ने विमोचन कराते हुए अक्षर पर्व की जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार मुकेश वर्मा द्वारा किया गया, आभार वसुधा संपादक राजेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में मायाराम सुरजन फाउंडेशन द्वारा बनाई गई वेबसाइट का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित थे।
- चन्द्रकांत दासवानी