स्टूडेंट देते हैं अंग्रेजी पर जोर पर क्यों है हिंदी कमजोर, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Webdunia
hindi diwas 2023
भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। जैसे विश्व को अंग्रेजी भाषा जोड़ती है, वैसे ही भारत को हिंदी भाषा ने जोड़ा हुआ है। लेकिन आज के समय में स्कूल व कॉलेज में हिंदी भाषा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है। साथ ही जॉब और कम्पटीशन के कारण भी युवा अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता देते हैं।

हालांकि भारत के स्कूल में 10वीं कक्षा तक हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है लेकिन अधिकतर बच्चों को हिंदी पढ़ने और बोलने में समस्या आती है। कई बच्चे हिंदी भाषा सही से नहीं लिख पाते हैं और कुछ बच्चों को मात्राएं समझने में समस्या होती है।

इन सभी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमनें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के हिंदी भाषा के अतिथि प्राध्यापक, हरीश गिदवानी से बात की और जाना कि हिंदी पढ़ते समय स्टूडेंट को क्या परेशानी आती है। चलिए जानते हैं इनकी राय...
 
1. स्टूडेंट को हिंदी भाषा में क्या परेशानियां आती हैं? 
हरीश गिदवानी ने हमें बताया कि 'स्टूडेंट को हिंदी पढ़ते समय मात्राएं बहुत मुश्किल लगती हैं। आज के समय में अधिकतर बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं जिसके कारण वो हिंदी भाषा पर ध्यान नहीं देते हैं। मात्राओं के साथ उन्हें हिंदी उच्चारण, लिखने और पढ़ने में भी समस्या आती है। बच्चों की कॉपी चेक करते समय उनकी मात्राओं की गलती से ही उनके आधे से ज्यादा मार्क्स कट जाते हैं।'

2. क्या हिंदी कविता में उर्दू शब्द का प्रयोग उचित है?  
हरीश के मुताबिक स्टूडेंट हिंदी कविता लिखते समय उर्दू शब्दों का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन उन्हें उसका अर्थ पता नहीं होता है। हिंदी और उर्दू दोनों भाषाएं बहनें हैं लेकिन कविता में बिना सोचे समझे उर्दू शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी सबसे बढ़ी वजह यह है कि बच्चे पढ़ने से ज्यादा लिखना चाहते हैं लेकिन लिखने के लिए उन्हें पढाई की ज़रूरत है। 
 
3. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में से क्या ज़रूरी है?
अंग्रेजी भाषा आना अच्छी बात है और भाषा सीखना एक बुद्धिमानी काम है। जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी विश्व को जोड़ती है वैसे ही हिंदी भी भारत को जोड़ती है। भारत के अधिकतर राज्य में हिंदी देखने, बोलने और सुनने में आती है। साथ ही हिंदी से ही भारत की अन्य भाषाएं एवं उपभाषाएं बनी हैं। 
 
4. क्या हिंदी मीडियम स्कूल में बेहतर शिक्षा नहीं दी जाती?
हरीश ने बताया कि 'लोग अक्सर सोचते हैं कि हिंदी मीडियम स्कूल छोटा होता है या वहां शिक्षा बेहतर तरीके से नहीं दी जाती है तो ये बिलकुल गलत है। शिक्षा किसी भी भाषा में हो वो शिक्षा ही होती है। साथ ही कई हिंदी मीडियम स्कूल में बेहतर शिक्षा दी जाती है। हालांकि हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले बच्चों को इंग्लिश के jargon शब्द समझने में परेशानी होती है।  
ALSO READ: Hindi diwas theme: क्या है इस बार के हिन्दी दिवस की थीम?

Related News

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

नैचुरल ब्यूटी हैक्स : बंद स्किन पोर्स को खोलने के ये आसान घरेलू नुस्खे जरूर ट्राई करें

Winter Skincare : रूखे और फटते हाथों के लिए घर पर अभी ट्राई करें ये घरेलू नुस्खा

Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती पर लगाएं इन चीजों का भोग, अभी नोट करें

चाहे आपका चेहरा हो या बाल, यह ट्रीटमेंट करता है घर पर ही आपके बोटोक्स का काम

डायबिटीज के लिए फायदेमंद सर्दियों की 5 हरी सब्जियां ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मददगार

अगला लेख
More