Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

लो आ गई कैंसर की दवा! मात्र 100 रुपए में होगा इलाज

टाटा इंस्टीट्यूट ने खोजी कैंसर की दवा, ऐसे करेगी काम

हमें फॉलो करें Tata Institute Cancer Tablet

WD Feature Desk

Tata Institute Cancer Tablet
  • टाटा इंस्टीट्यूट ने दूसरी बार कैंसर की संभावना को रोकने वाली दवा विकसित की है।
  • इस रिसर्च में शोधकर्ताओं और डॉक्टरों ने 10 साल तक लगातार काम किया है।
  • यह दवाई जून से जुलाई के बीच सिर्फ 100 रूपए में हर जगह उपलब्ध होगी।
Tata Institute Cancer Tablet : भारत के प्रमुख कैंसर अनुसंधान और उपचार सुविधा टाटा इंस्टीट्यूट, मुंबई ने एक ऐसे उपचार की खोज करने का दावा किया है (Tata Institute Cancer Drug) जो दूसरी बार कैंसर की संभावना को रोक सकता है। ALSO READ: सर्वाइकल कैंसर के बारे में ये बातें हर महिला को पता होनी चाहिए

इस रिसर्च में संस्थान के शोधकर्ताओं और डॉक्टरों ने 10 साल तक लगातार काम किया है। इसके परिणाम स्वरूप उन्होंने ऐसी टेबलेट विकसित की है जो मरीजों में दूसरी बार कैंसर होने से रोकेगी। साथ ही रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे उपचारों के साइड इफेक्ट्स को भी 50 प्रतिशत तक कम कर देगी।
 
चूहों में डाली गईं मानव कैंसर कोशिकाएं 
इस दवाई को बनाने के लिए चूहों में मानव कैंसर कोशिकाएं डाली गईं जिससे उनमें ट्यूमर बन सके। इसके बाद इन चूहों का रेडिएशन, कीमोथेरेपी और सर्जरी के साथ इलाज किया गया। इस इलाज के दौरान यह पाया गया कि जब ये कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं, तो वे छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं जिन्हें क्रोमैटिन पार्टिकल्स (Chromatin particles) कहा जाता है। ये पार्टिकल्स रक्तप्रवाह के ज़रिए शरीर के अन्य हिस्सों में जा सकते हैं। जब ये पार्टिकल्स स्वस्थ कोशिकाओं में जाएंगे तो ये कैंसरग्रस्त बन जाएंगे।
 
कैंसर को रोकने के लिए ऐसे काम करेगी ये दवा
टाटा मेमोरियल सेंटर ने अपनी रिसर्च में बताया कि मरने वाली कैंसर कोशिकाएं, कोशिका-मुक्त क्रोमैटिन पार्टिकल्स (cell-free chromatin particles) छोड़ती हैं। ये कोशिका-मुक्त क्रोमैटिन पार्टिकल्स, स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदल सकती हैं। इसके अलावा ये नए ट्यूमर का कारण बन भी बन सकती है। इस प्रॉब्लम का सलूशन ढूंढने के लिए चूहों को रेस्वेराट्रॉल और कॉपर (R+Cu) के साथ प्रो-ऑक्सीडेंट टैबलेट दी।
webdunia
R+Cu, ओरल दवा है जो पेट में ऑक्सीजन रेडिकल्स उत्पन्न करता है। इसके बाद यह दवा ब्लड सर्कुलेशन के ज़रिए जल्दी अब्सोर्ब हो जाती है। ये ऑक्सीजन रेडिकल्स, ब्लड सर्कुलेशन में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं और कैंसर कोशिकाओं को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलने से भी रोकते हैं।
 
यह टैबलेट कैंसर उपचार थेरेपी के दुष्प्रभावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम कर देगी और दूसरी बार यह कैंसर को रोकने में लगभग 30 प्रतिशत प्रभावी है। यह पैंक्रियास, फेफड़े और मुंह के कैंसर पर भी प्रभावी हो सकता है।
 
जून से जुलाई के बीच 100 रूपए में मिलेगी टेबलेट 
टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुसार कैंसर के इलाज का बजट लाखों से करोड़ों तक होता है लेकिन यह दवाई सिर्फ 100 रूपए में हर जगह उपलब्ध होगी। यह दवाई जून से जुलाई के बीच मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी। दुष्प्रभावों पर प्रभाव का टेस्ट चूहों और मनुष्यों दोनों पर किया गया था, लेकिन प्रिवेंशन टेस्ट सिर्फ चूहों पर किया गया था। इसके लिए ह्यूमन टेस्ट पूरा करने में लगभग पांच साल लगेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हिन्दी में मजेदार चुटकुला : आप बहुत किस्मत वाले हैं