कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर क्षेत्र में वैक्सीनेशन पर अधिक से अधिक जोर दिया जा रहा है। तीसरी लहर के पूर्व अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन का एक डोज लेने पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत में अभी तक करीब 36 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक खुराक लग चुकी है। वहीं 7 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। भारत में दूसरी लहर का प्रकोप भयावह रहा है। ऐसे में विदेशी वैक्सीन का भी सहारा लिया जा रहा है। जिसमें स्पुतनिक वी वैक्सीन और मॉडर्ना वैक्सीन मुख्य रूप से शामिल है। इन्हें आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिली है। रूसी स्पुतनिक वी कोरोना काल के दौरान सबसे पहले बनाई गई वैक्सीन में से एक है। जिस पर कई सारे सवाल उठे थे। लेकिन यह वैक्सीन आज अन्य वैक्सीन के मुकाबले सबसे अधिक कारगर है। इतना ही नहीं कोविड-19 जितनी तेजी से अपना स्वरूप बदल रहा है उस पर भी यह वैक्सीन असरदार साबित हो रही है। वायरस न जाने कितनी बार अपना स्वरूप बदल चुका है।और लगातार म्यूटेट हो रहा है। आइए जानते हैं स्पुतनिक वी वैक्सीन संक्रमण से बचाव में कितनी कारगर साबित हो रही है।
स्पुतनिक वी वैक्सीन कितनी असरदार है
मॉस्को के गैमालेया इंस्टीट्यूट द्वारा इस वैक्सीन को विकसित किया गया था। वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के परिणाम के पहले ही इसे मंजुरी मिल गई थी। लेकिन यह वैक्सीन 90 फीसदी से अधिक सुरक्षित मानी गई है। सभी प्रकार के कोविड वेरिएंट पर प्रभावी नजर आ रही है।
साइंस जर्नल द लैंसेट में एक आर्टिकल पब्लिश किया गया था जिसमें स्पुतनिक वी कोविड के अलग-अलग वेरिएंट पर 92 फीसदी सुरक्षित पाई गई। वहीं कंपनी गमलेया के हेड एलेक्जेंडर गिट्रसबर्ग ने भी एक वीडियो जारी कर कहा था कि स्पुतनिक वी कोरोना के सभी वेरिएंट पर असरदार है। भारत में यह वैक्सीन आपातकाल की स्थिति के लिए ही उपयोग की जा रहे हैं जिसकी कीमत 1,145 रुपये है।