मेरिटल रेप, 3 एबॉर्शन, फिर HIV AIDS लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी, मिलिए जिंदगी से भरी ज्योति से

Webdunia
-गरिमा मुद्गल
 
World Aids Day 2023 : HIV AIDS, ये एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए आज भी हमारी सोसाइटी के नज़रिए में बदलाव की ज़रुरत है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसने कई मासूम जिंदगियों को अपनी चपेट में लिया। इन्ही में से एक नाम है ज्योति धावले। लेकिन ज्योति ने जिस अंदाज़ से HIV से लड़ाई लड़ी है, वो हम सब के लिए एक मिसाल है।
 
HIV AIDS : कहते हैं मौत आपका पता खुद ढूंढ लेती है पर ज़िन्दगी का पता आपको खुद ही ढूंढना पड़ता है...ज्योति की ज़िन्दगी जिन उतार चढ़ावों से गुज़री है उसे जानकर किसी का भी दिल सिहर उठेगा...लेकिन बावजूद तमाम मुश्किलों और तकलीफों के ज्योति ने ज़िन्दगी को चुना।
 
HIV किन कारणों से होता है हम सभी जानते हैं। ज्योति को HIV इन्फेक्शन तब हुआ जब उनके एक्स हसबेंड ने ज़बरदस्ती उनके 3 एबोरशन करवाए। ज्योति की पूरी कहानी समझने के लिए ज़रूरी है कि आपको ज्योति की ज़िन्दगी के कुछ अंधेरे पहलुओं की भी जानकारी हो... 
 
दरअसल ज्योति अपने पिता की तरह ही एक फाइटर पायलेट बनना चाहती थीं लेकिन सिर्फ 3 साल की उम्र में एक एक्सीडेंट के चलते ज्योति अपने सुनने की क्षमता काफ़ी हद तक खो बैठीं। अब वे सिर्फ बहुत तेज़ आवाजें ही सुन सकती थीं। ज्योति लिप रीडिंग से लोगों की बातें समझने कई कोशिश करतीं जो काफ़ी मुश्किल था....लेकिन ये तो उनके जीवन में मुश्किलों की शुरुआत थी। स्टेप मदर ने ज्योति की मुश्किलों को और बढ़ा दिया। घर से उन्हें कोई भावनात्मक सपोर्ट नहीं मिला और बड़ी मुश्किलों से उन्होंने अपनी एजुकेशन कम्पलीट की।
आखिरकार उन्होंने एक ऐसे शख्स से शादी की जिसे वे एक अच्छा इंसान समझती थीं। अपनी शादी को लेकर ज्योति काफी पॉजिटिव थीं। उन्हें लगा कि अपने जीवनसाथी के साथ वे अपनी आगे की ज़िन्दगी सुकून से गुजारेंगीं। लेकिन ज्योति की उम्मीदें तब बिखर गईं जब वे marital rape का शिकार होती रहीं और उनके पति ने उनके प्रेग्नेंट होने पर उन पर एबोरशन का दबाव बनाया। एक्स हसबेंड ने ऐसा सिर्फ एक बार नहीं किया बल्कि ज़बरदस्ती तीन बार उनके एबोरशन करवाए. लेकिन चौथी बार यह अपराध करने के लिए ज्योति ने मना कर दिया। उनका धैर्य जवाब दे गया। ज्योति मां बनना चाहती थीं।
 
लेकिन अपनी चौथी प्रेग्नेंसी के दौरान ज्योति को पता चला कि वे HIV पॉजिटिव हैं. पिछले एबोरशन के दौरान दिए गए संक्रमित खून कई वजह से वे HIV पॉजिटिव हुई हैं। दुर्भाग्य से उन्होंने अपनी पिछली सारी रिपोर्ट्स डिस्ट्रॉय कर दीं थी। जिससे वे यह क्लेम नहीं कर सकीं कि आखिर ये किस अस्पताल की लापरवाही की वजह से हुआ है।
 
ज्योति ने एक स्वस्थ HIV नेगेटिव बच्चे को जन्म दिया लेकिन वो भी उनसे छीन लिया गया। उनके एक्स हसबेंड ने ग़लत तरीके से उनसे डिवोर्स ले लिया और बच्चे की कस्टडी भी ले ली। अब ज्योति को अपने इलाज और ज़िन्दगी को चलने के लिए काम करने की भी ज़रुरत थी।
 
एक बार फिर ज्योति तमाम मुश्किलों के बीच अकेली थी। लेकिन ज्योति ने अपनी कहानी अब खुद लिखने का फैसला लिया। डिवोर्स को उन्होंने अपनी आज़ादी के रूप में लिया। वे एक IT फर्म के लिए काम कर रहीं थी जब उन्हें विवेक ने प्रोपोज़ किया। शुरुआत में विवेक के पेरेंट्स उनकी शादी के लिए तैयार नहीं थे लेकिन अपने बेटे की ख़ुशी के लिए उन्होंने हां कह दी। ज्योति की नई शादी ने उनके जीवन में उन्हें एक नई दिशा और सोच दी।
 
उन्होंने HIV पॉजिटिव लोगों के लिए समाज की सोच को बदलने के लिए प्रयास शुरू किए. दूरदर्शन पर 'स्त्री शक्ति' नाम से उन्होंने इक कार्यक्रम शुरू किया जिसमे उन्होंने कई महिलाओं की ऐसी कहानियों को लिया जो समाज के लिए मिसाल हैं।
 
आज ज्योति धावले HIV के लिए जागरूकता की दिशा में काम कर रही हैं। वे AIDS रोगियों के लिए कार्यकर्ता के रूप में भी लगातार सराहनीय काम कर रही हैं। ज्योति आज कई संस्थानों का चेहरा हैं और काफ़ी सारे NGO उनके इस प्रयास में उनके साथ हैं।
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